नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से “सुरक्षित और विश्वसनीय” आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है जो सभी के लिए सतत विकास को लाभ होगा. अमेरिका द्वारा प्रस्तावित और 120 सदस्य देशों के बीच भारत द्वारा सह-प्रायोजित गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव को अपनाया गया था
संयुक्त राष्ट्र चला भारत के नक्शेकदम पर
व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में हैरिस ने कहा “ये प्रस्ताव एआई के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है जहां हर देश एआई के जोखिमों का प्रबंधन करते हुए अपने वादों को पूरा कर सकता है”. बता दें कि असेंबली ने सभी राज्यों, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज, अनुसंधान संगठनों और मीडिया से एआई के सुरक्षित और भरोसेमंद उपयोग से संबंधित नियामक और शासन दृष्टिकोण और तंत्र विकसित करने और समर्थन करने का भी आह्वान किया, और हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि 20 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ में अपने भाषण में कहा था कि एआई तकनीक के नए युग में दुनिया को उम्मीद है कि भारत को एआई में बढ़त मिलेगी और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने भारत और दुनिया में युवा निवेशकों के लिए अनगिनत अवसर खोले हैं. नेशनल क्वांटम मिशन, भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन, सेमीकंडक्टर मिशन, ये सभी अभियान भारत के युवाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोलेंगे. दिसंबर 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी (GPAI) शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया. GPAI 29 सदस्य देशों का एक समूह है जिसका उद्देश्य AI से संबंधित प्राथमिकताओं में उन्नत अनुसंधान और व्यावहारिक गतिविधियों का समर्थन करके AI सिद्धांत और व्यवहार के बीच अंतर को पाटना है. भारत 2024 में GPAI का सामान्य अध्यक्ष है.
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