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गाड़ी मालिक ध्यान दें, 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे आपकी कार के टायर, क्या है फायदे

नई दिल्ली: अगर आप भी एक वाहन मालिक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद काम की है और आपको इसे आज पूरा जरूर पढ़ना चाहिए. जी हाँ, दरअसल, 1 अक्टूबर 2022 से आपकी गाड़ी के टायर का डिजाइन बदलने वाला है. आपको बता दें भारत सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट (MVA) में कई नियम […]

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  • Last Updated: July 12, 2022 16:38:08 IST

नई दिल्ली: अगर आप भी एक वाहन मालिक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद काम की है और आपको इसे आज पूरा जरूर पढ़ना चाहिए. जी हाँ, दरअसल, 1 अक्टूबर 2022 से आपकी गाड़ी के टायर का डिजाइन बदलने वाला है. आपको बता दें भारत सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट (MVA) में कई नियम लागू किए गए हैं. खबर है कि इसी कड़ी में 1 अक्टूबर से देश में नए डिजाइन के टायर मिलने शुरू हो जाएंगे. आपको अब बता दें, लोगों को नए टायर लगवाने के लिए पूरा समय दिया जाएगा, लेकिन यह समय 31 मार्च तक का ही होगा. जी हाँ, आपने सही पढ़ा, 1 अप्रैल 2023 से MVA के निर्देश के मुताबिक, इन नए डिजाइन के टायरों को हर गाड़ी में लगाना अनिवार्य होगा. ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आइए आपको अच्छे से से बताते हैं कि क्या है इसके नया नियम.

क्या है मोटर व्हीकल एक्ट में ये बदलाव

आपने शायद गौर किया हो या नहीं लेकिन अभी जब आप बाजार से किसी सामान को खरीदते हैं या फिर किसी तरह की सर्विस लेते हैं तो आप उसकी रेटिंग को भी चेक करते हैं, लेकिन बता दें, टायर के मामले में अब तक ऐसा नहीं होता था. इसी के चलते सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में कुछ बदलाव करके अब टायरों के लिए भी स्टार रेटिंग को अनिवार्य कर दिया है.

कितने तरह के होते हैं टायर

टायर पर अच्छे से बात करने से पहले ये समझना जरूरी है कि आखिर टायर कितने तरह के होते हैं. एक्सपर्टस के मुताबिक, टायर 3 तरह के होते हैं. पहला होता है C1 टायर जो कि पैसेंजर कार के लिए होते हैं. दूसरा होता है C2 जो छोटी कमर्शियल गाड़ियों में इस्तेमाल किया जाता है. तीसरी कैटिगरी है C3, जिनका इस्तेमाल हैवी कमर्शियल गाड़ियों में किया जाता है.

बदलाव के पीछे मकसद

सरकार ने टायर को लेकर जो भी बदलाव किए हैं उसके तहत अब टायर के लिए तीन मानक तय किया गए हैं. ये तीन मानक हैं:-
-रोलिंग रेजिस्टेंस,
-वेट ग्रिप
-रोलिंग साउंड एमिशंस

मिली जानकारी के मुताबिक, टायर कंपनियों को अब से इसका पालन करते हुए ही BIS के मानकों के आधार पर टायर बनाना होगा. साथ ही बताया जा रहा है कि नई व्यवस्था से बने टायर पहले की तुलना में ज्यादा सेफ होंगे.

 

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