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Maruti Suzuki ने रचा इतिहास, वैश्विक बाजार में 30 लाख कारें की एक्सपोर्ट

मारुति सुजुकी ने भारत से निर्यात की शुरुआत 1986 में की थी। पहली बड़ी खेप में 500 कारें सितंबर 1987 में हंगरी भेजी गई थीं। इसके बाद कंपनी ने 2012-13 में 10 लाख वाहन निर्यात का पहला रिकॉर्ड बनाया था. वहीं अब केवल 3 साल और 9 महीने में मारुति सुजुकी ने 30 लाख यूनिट्स का निर्यात पूरा कर लिया है।

Maruti Suzuki created history, exported 30 lakh cars
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  • Last Updated: November 27, 2024 23:59:35 IST

नई दिल्ली: भारत देश की कंपनी मारुति सुजुकी ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए 30 लाख कारों के निर्यात से इतिहास रच दिया है. इस उपलब्धि के साथ, मारुति सुजुकी भारत से सबसे ज्यादा कारें एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी बन गई है। घरेलू बाजार में भी यह कंपनी सबसे ज्यादा कारें बेचने वाली ब्रांड है।

किन देशों में भेजी जा रही हैं कारें?

मारुति सुजुकी भारत में निर्मित कारों को अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और पश्चिम एशिया जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात करती है। कंपनी की कारें अपनी क्वालिटी, ईंधन दक्षता और विश्वसनीयता के लिए दुनियाभर में सराही जाती हैं। सेलेरियो, फ्रॉन्क्स, सियाज, डिजायर, बलेनो और एस-प्रेसो जैसे मॉडल्स की भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त मांग है। पिछले तीन वर्षों में कंपनी का निर्यात लगभग तीन गुना बढ़ा है। यह वृद्धि भारत में निर्मित वाहनों की वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है।

कब हुई निर्यात की शुरुआत

मारुति सुजुकी ने भारत से निर्यात की शुरुआत 1986 में की थी। पहली बड़ी खेप में 500 कारें सितंबर 1987 में हंगरी भेजी गई थीं। इसके बाद कंपनी ने 2012-13 में 10 लाख वाहन निर्यात का पहला रिकॉर्ड बनाया था. वहीं अब केवल 3 साल और 9 महीने में मारुति सुजुकी ने 30 लाख यूनिट्स का निर्यात पूरा कर लिया है। यह उपलब्धि न केवल कंपनी की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय पहचान का संकेत है, बल्कि भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग की ताकत भी दर्शाती है।

कंपनी का लक्ष्य

मारुति सुजुकी की निर्यात में यह तेज़ी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कंपनी की मजबूत पकड़ को दर्शाती है। कंपनी का कहना है कि भारत में निर्मित कारें अब अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों की पसंदीदा बन रही हैं। इस सफलता के पीछे कंपनी की गुणवत्ता और किफायती वाहन निर्माण क्षमता है। बता दें मारुति सुजुकी का यह कारनामा भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों पर ले गया है। कंपनी का लक्ष्य आने वाले समय में निर्यात को और बढ़ाना और वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करना है।

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