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आ गई Flex Fuel वाली Maruti Wagonr, जानिए कीमत

नई दिल्ली: मारुति सुजुकी ने ऑटो एक्सपो में अपनी सबसे ज़्यादा बिकने वाली वैगन आर सेडान के नए फ्लेक्स फ्यूल वरिएंट को पेश कर दिया है. यह भारत की पहली मास-मार्केट फ्लेक्स-फ्यूल कार है। यह 20% (E20) और 85% (E85) ईंधन के बीच इथेनॉल और गैसोलीन के किसी भी मिश्रण पर चल सकता है। इसमें […]

Flex Fuel
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  • Last Updated: January 19, 2023 18:36:10 IST

नई दिल्ली: मारुति सुजुकी ने ऑटो एक्सपो में अपनी सबसे ज़्यादा बिकने वाली वैगन आर सेडान के नए फ्लेक्स फ्यूल वरिएंट को पेश कर दिया है. यह भारत की पहली मास-मार्केट फ्लेक्स-फ्यूल कार है। यह 20% (E20) और 85% (E85) ईंधन के बीच इथेनॉल और गैसोलीन के किसी भी मिश्रण पर चल सकता है। इसमें आपको कई सारे फीचर्स देखने को मिलेंगे। ऐसे में क्या है फ्लेक्स फ्यूल और इससे बड़ा फायदा क्या मिलने वाला है आइए आपको बताते हैं:

 

क्या है खासियत

इंजन को इथेनॉल पर चलाने के लिए WagonR के पावरट्रेन में तमाम तरह के बदलाव किए गए है। इथेनॉल अनुपात की निगरानी के लिए सेंसर लगाए गए हैं। इंजन प्रबंधन प्रणाली को भी बदला गया है। ईंधन पंप और इंजेक्टर अधिक मजबूत हैं और इंजन की स्थिरता में सुधार के लिए कुछ कॉम्पोनेंट को भी ऐड किया गया है। उम्मीद है कि यह फ्लेक्स फ्यूल रेग्युलर पेट्रोल वेरिएंट से थोड़ी महंगी हो सकती है.

 

Flex Fuel व्हीकल

देश में अब गाड़ियों को चलाने के लिए नए फ्यूल का ऑप्शन आ चुका है जिसका नाम है Flex Fuel. देश में इस नए फ्यूल तकनीक से चलने वाली पहली कार इसी महीने 28 सितंबर को पेश की जा चुकी है. आपको बता दें, ये फ्यूल इथेनॉल या मेथनॉल के साथ पेट्रोल को मिक्स करके बनाया जाता है. इस फ्यूल की मदद से गाड़ी को एक आम पेट्रोल/डीजल गाड़ी की ही तरह चलाया जा सकेगा. फ्लेक्स फ्यूल एक ऐसा फ्यूल होगा जसी इथेनॉल या मेथनॉल में पेट्रोल को मिलाकर बनाया जाएगा।

 

कैसे होता है फ्यूल तैयार

दरअसल, ये एक अल्कोहल बेस्ड फ्यूल होता है, जिसे तैयार करने के लिए गन्ना और मक्के जैसे फसलों का सहारा लिया जाता है. इसे बनाने के लिए फर्मेंटेशन में स्टार्च और शुगर का प्रयोग किया जाता है. ये बात कौन नहीं जाता कि हमारा देश भारत गन्ने का बहुत बड़ा उत्पादक देश है. ऐसे में इसे बनाने के लिए देश में कच्चे माल की कोई कमी नहीं है.

 

ऐसे करता है काम

जैसा कि हम सब जानते हैं कि आजकल की कारें एक ही फ्यूल से चलती हैं, जबकि कुछ गाड़ियों में पेट्रोल और CNG का इस्तेमाल किया जाता हैं. लेकिन लेकिन फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों में सबसे खास बात ये होती है कि इसे मनचाहे तौर पर जब चाहें तब पेट्रोल या फ्लेक्स दोनों तरह से ही चलाया जा सकता है.

 

प्रदूषण में होगी कमी

पूरी दुनिया में लगातार प्रदूषण में इजाफा हो रहा है, बढ़ते प्रदूषण के चलते ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं. इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार कारण गाड़ियों से निकलने वाला उत्सर्जन माना जा रहा है.इसी प्रदूषण को कम करने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल या मेथनॉल मिक्स करके नए तरह के फ्यूल का ऑप्शन तैयार किया गया है. इस फ्यूल की खासियत ये है कि यह समान्य पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा सही तरीके से जलता है.

 

 

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