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Road Accident: सरकार द्वारा पायलट कार्यक्रम की शुरूआत, इन पीड़ितों को मिलेगा कैशलेस उपचार

नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा मोटर वाहनों का इस्तेमाल करने से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलैस  उपचार की सुविधा देने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। बता दें कि सरकार का ये प्रयास सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता और मोटर वाहन […]

Road Accident
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  • Last Updated: March 15, 2024 14:38:57 IST

नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा मोटर वाहनों का इस्तेमाल करने से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलैस  उपचार की सुविधा देने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। बता दें कि सरकार का ये प्रयास सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 162 के तहत कानूनी जनादेश के अनुरूप है।

पायलट कार्यक्रम का मकसद

ऐसे में सरकार की तरफ से एक विज्ञप्ति जारी कर ये जानकारी दी गई है कि पायलट कार्यक्रम, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तत्वावधान में विकसित किया गया है। जिसकी शुरूआत चंडीगढ़ में की जा रही है। इस कार्यक्रम का मकसद दुर्घटना के गोल्डन आवर्स यानी स्वर्णिम घंटों सहित, सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को समय पर चिकित्सीय देखभाल उपलब्ध कराने के लिए एक इकोसिस्टम स्थापित करना है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) पुलिस, अस्पतालों, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) के समन्वय से पायलट कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी काम करेगी।

जानें पायलट कार्यक्रम के बारे में सबकुछ

इस कार्यक्रम के अंतर्गत, दुर्घटना की तिथि से 7 दिनों की अधिकतम अवधि के लिए प्रति दुर्घटना, प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार के हकदार पीड़ित होंगे।

ये कार्यक्रम, सड़क की किसी भी श्रेणी पर मोटर वाहन के इस्तेमाल के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर लागू होगा।

इसके अलावा आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) पैकेजों को ट्रॉमा (मल्टीपल चोट) के मामलों में शामिल किया जा रहा है।

पीड़ितों का उपचार करने के लिए अस्पतालों के द्वारा किए गए दावों की राशि मोटर वाहन दुर्घटना निधि से पूरी की जाएगी।

बता दें कि इस पायलट कार्यक्रम को एक आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू किया जाएगा। जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-डीएआर एप्लिकेशन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की लेन-देन प्रबंधन प्रणाली (टीएमएस) की कार्यक्षमताओं को जोड़ने का काम करता है।

इस पायलट कार्यक्रम के परिणामस्वरूप, पूरे देश में कैशलेस उपचार सुविधा के विस्तार पर विचार किया जाएगा।