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भारत पर्व: भगवान शिव ने कैसे किया त्रिनेत्र जाग्रत ?

परमेश्वर शिव त्रिकाल दृष्टा, त्रिनेत्र, आशुतोष, अवढरदानी, जगतपिता आदि अनेक नामों से जानें जाते हैं. महाप्रलय के समय शिव ही अपने तीसरे नेत्र से सृष्टि का संहार करते हैं परंतु जगतपिता होकर भी शिव परम सरल व शीघ्रता से प्रसन्न होने वाले हैं.

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  • Last Updated: February 8, 2016 15:00:08 IST

नई दिल्ली. परमेश्वर शिव त्रिकाल दृष्टा, त्रिनेत्र, आशुतोष, अवढरदानी, जगतपिता आदि अनेक नामों से जानें जाते हैं. महाप्रलय के समय शिव ही अपने तीसरे नेत्र से सृष्टि का संहार करते हैं परंतु जगतपिता होकर भी शिव परम सरल व शीघ्रता से प्रसन्न होने वाले हैं.

संसार की सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाले शिव को स्वयं के लिए न ऐश्वर्य की आवश्यकता है न अन्य पदार्थों की. वे तो प्रकृति के मध्य ही निवासते हैं. कन्दमूल ही जिन्हें प्रिय हैं वे जो मात्र जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं.

शास्त्रनुसार सभी देवताओं की दो आंखें हैं पर शिव के तीन नेत्र हैं. इंडिया न्यूज़ के खास शो भारत पर्व में अत्याधमिक गुरू पवन सिन्हा बताएंगे शिव ने कैसे किया त्रिनेत्र जाग्रत ?

वीडियो में देखें पूरा शो

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