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जानिए, आखिर शास्त्रों में गोवा का क्या महत्व है ?

जब भी हम गोवा का नाम सुनते हैं तो हमारे अंदर एक तस्वीर बनकर उभरती है, जिसमें समुद्र तट होता है, विदेशी पर्यटक होते हैं. लेकिन आपको पता है कि हमारे शास्त्रों में गोवा का क्या महत्व है. गोवा का हमारे शास्त्रों में नाम कोंकडी काशी है.

pawan sinha, पवन सिन्हा
inkhbar News
  • Last Updated: November 4, 2015 17:13:37 IST
नई दिल्ली. जब भी हम गोवा का नाम सुनते हैं तो हमारे अंदर एक तस्वीर बनकर उभरती है, जिसमें समुद्र तट होता है, विदेशी पर्यटक होते हैं. लेकिन आपको पता है कि हमारे शास्त्रों में गोवा का क्या महत्व है. गोवा का हमारे शास्त्रों में नाम कोंकडी काशी है. इंडिया न्यूज शो भारत पर्व में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा बताते हैं किलोक मान्यताओं के अनुसार गोवा के अंतर्गत कोंकड क्षेत्र भी आता है. इस क्षेत्र का विस्तार गुजरात से केरल तक माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार गोवा की रचना भगवान परशुराम ने की है. 
 
ऐसी मान्यता है कि भगवान परशुराम ने एक यज्ञ का अनुष्ठान किया था. यज्ञ में समुद्र को कोई नुकसान न पहुंचाए इसलिए परशुराम ने बाण से समुद्र को कई स्थान पीछे छोड़ दिया था. इसी कारण गोवा में कई स्थानों का नाम वाणावली अथवा वारस्थली है.  
 
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