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बिहार में लिखा जाएगा मोदी सरकार का भविष्य, नीतीश क्यों बने NDA की मजबूरी, जानें यहां…

बिहार में करीब दो दशक से नीतीश कुमार ऐसी ताकत हैं, जिनके इर्द-गिर्द सत्ता घूमती है. चाहे राजद के समर्थन से हो या बीजेपी के, सीएम नीतीश कुमार ही हैं. ऐसे में जब डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अटल जी की जयंती पर कहा कि बिहार में बीजेपी सरकार ही अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, तो इससे जेडीयू को ठेस पहुंची. फिर जेडीयू की ओर से लगाए गए पोस्टरों ने भी साफ कर दिया कि बिहार में नीतीश कुमार के नाम पर कोई समझौता नहीं होगा.

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  • Last Updated: January 1, 2025 20:35:40 IST

पटना: बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 2024 में सत्ता में आई, लेकिन अब नया साल 2025 उसके लिए बहुत कुछ तय करेगा. बीजेपी को लगातार तीसरी बार केंद्र में सत्ता जरूर मिली है, लेकिन वह अपने दम पर महज 240 सीटें ही जीत पाई। ऐसे में उनके लिए जेडीयू की 12 और एलजेपी की 5 सीटें अहम हैं. वहीं 272 का आंकड़ा बरकरार रखने के लिए आंध्र की सत्ताधारी पार्टी टीडीपी की 14 और एकनाथ शिंदे ग्रुप की 9 सीटें भी काफी अहम हैं.

चुनाव में उसकी परीक्षा होगी

लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर बीजेपी ने अपेक्षाकृत निराशा को दूर कर लिया है, लेकिन अब बिहार चुनाव में उसकी परीक्षा होगी. खासकर बिहार की राजनीति के लगातार बदलते मिजाज को देखते हुए साल के अंत तक कोई उलटफेर हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा. बिहार में करीब दो दशक से नीतीश कुमार ऐसी ताकत हैं, जिनके इर्द-गिर्द सत्ता घूमती है. चाहे राजद के समर्थन से हो या बीजेपी के, सीएम नीतीश कुमार ही हैं.

सच्ची श्रद्धांजलि होगी

ऐसे में जब डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अटल जी की जयंती पर कहा कि बिहार में बीजेपी सरकार ही अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, तो इससे जेडीयू को ठेस पहुंची. फिर जेडीयू की ओर से लगाए गए पोस्टरों ने भी साफ कर दिया कि बिहार में नीतीश कुमार के नाम पर कोई समझौता नहीं होगा. जेडीयू ने साफ लिखा- ‘जब बिहार की बात हो तो चेहरा नीतीश कुमार का ही होना चाहिए.’ ऐसे में बिहार चुनाव से महीनों पहले ही रस्साकशी शुरू हो गई है.

इस खींचतान के बीच बीजेपी पर बिहार इकाई के नेताओं को खुश रखने और नीतीश कुमार से जमकर मोलभाव करने का दबाव होगा. दोनों पार्टियों के लिए सीट बंटवारा भी आसान नहीं होगा. इसके अलावा बीजेपी चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा जैसे नेताओं को भी खुश रखना चाहेगी. दरअसल, बिहार के चुनाव नतीजों का असर दिल्ली पर पड़ सकता है.

जेडीयू के बीच खींचतान

वहीं अगर यहां चुनाव में एनडीए को हार का सामना करना पड़ा तो बीजेपी और जेडीयू के बीच खींचतान हो सकती है और इसका सीधा असर दिल्ली तक दिखेगा. इसलिए बिहार चुनाव बीजेपी के लिए महाराष्ट्र और हरियाणा से भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. अगले महीने दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. यहां के नतीजे बीजेपी के लिए अहम जरूर हैं, लेकिन इसका असर केंद्र सरकार पर नहीं दिखेगा.

 

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