पटना: बिहार सरकार ने अपने शिक्षा विभाग के एक जिला स्तरीय अधिकारी को गंभीर भ्रष्टाचार और घोर कदाचार का दोषी पाया है। तत्काल कार्रवाई की गई है. गुरुवार की सुबह से ही निगरानी इकाई ने पूर्वी चंपारण जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के कई ठिकानों पर एक साथ जांच शुरू कर दी.
नोटों के बंडलों को गिनने के लिए मशीनों का इस्तेमाल किया गया और जब तक गिनती पूरी हुई तब तक शिक्षा विभाग ने संकल्प पत्र के जरिए रजनीकांत प्रवीण को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया.
अब तक उनके पास से दो करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति बरामद होने की बात सरकार ने भी मानी है, जिसके आधार पर निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव के हस्ताक्षर से डीईओ रजनीकांत प्रवीण को निलंबित कर दिया गया है. शिक्षा विभाग के सुबोध कुमार चौधरी. दिया गया है।
विशेष निगरानी इकाई की पटना टीम ने रजनीकांत प्रवीण के बेतिया स्थित किराये के मकान के साथ-साथ दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी आदि जिलों की भी जांच की. अभी तक पूरी गणना नहीं हो पायी है. दोपहर तीन बजे तक शिक्षा विभाग को दो करोड़ रुपये से अधिक नकद और अचल संपत्ति बरामद होने की सूचना मिली. छापेमारी चल ही रही थी कि रजनीकांत प्रवीण को जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद से निलंबित करने का संकल्प पत्र जारी कर दिया गया. इस पत्र के अनुसार, निलंबन के साथ-साथ रजनीकांत प्रवीण के विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के प्रावधानों के तहत अलग से विभागीय कार्यवाही शुरू की जायेगी.
निलंबन अवधि में प्रवीण को क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, पूर्णिया के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. निलंबन अवधि के दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। छापेमारी टीम ने बताया कि खाद वाली बोरी से 50 लाख रुपये नकद और आभूषण बरामद किये गये. नोट गिनने की मशीन से पैसों की गिनती जारी है. यह कार्रवाई आय से अधिक मामले में की गई है. रजनीकांत प्रवीण नालंदा के रहने वाले हैं. उनका ससुराल समस्तीपुर में है. उनकी पत्नी एक स्कूल चलाती हैं.
भाभी भी टीचर हैं. रजनीकांत 3 साल से बेतिया में पदस्थापित हैं. टीम बेतिया के डीईओ कार्यालय के लिपिक अंजनी कुमार के घर भी पहुंची, लेकिन घर पर ताला लगा मिला. सभी लोग फरार हैं. कुल 7 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है. छापेमारी में 40 सदस्यीय टीम शामिल है.
इस बीच बगहा के वाल्मिकी नगर में रजनीकांत प्रवीण के एक स्कूल में छापेमारी चल रही है. निगरानी विभाग के मुताबिक, रजनीकांत प्रवीण ने 2005 से अब तक करीब 1.87 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है. यह संपत्ति उनकी 20 साल की सेवा से मेल नहीं खाती. यह संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की गई है. रजनीकांत 2005 से नौकरी में हैं। उन्होंने दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी और अन्य जिलों में शिक्षा अधिकारी के रूप में काम किया है। उन पर 19-20 साल की सेवा के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
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