पटना : देश के प्रमुख उद्योगपति अनिल अंबानी अपनी पत्नी टीना अंबानी के साथ रविवार को गया के विष्णुपद मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने विष्णुपद मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल के नेतृत्व में पिंडदान किया। उनके पहुंचने से पहले ही पुजारी ने पिंडदान, श्राद्ध कर्म और पूजा सामग्री की व्यवस्था कर दी थी। अंबानी दंपत्ति ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए यहां पिंडदान और तर्पण किया।
पिंडदान के बाद अंबानी दंपत्ति ने भगवान विष्णु के गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की। उद्योगपति अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी आदिशक्ति पीठ मां मंगला गौरी मंदिर भी पहुंचे। जहां स्थानीय पुजारी द्वारा मां मंगला गौरी मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की गई। यहां अंबानी दंपत्ति ने सुख-समृद्धि की कामना की। अंबानी दंपत्ति की यात्रा को आध्यात्मिक और धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जा रहा है। महाबोधि मंदिर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम अंबानी दंपत्ति के बोधगया आगमन को लेकर महाबोधि मंदिर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
विष्णुपद मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि हिंदू धर्म में पिंडदान का विशेष महत्व है। यही वजह है कि पूरे साल यहां देशभर से श्रद्धालु पिंडदान और तर्पण करने आते हैं। पितृ पक्ष मेला अवधि के दौरान देश-विदेश से लाखों हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां आकर अपने पूर्वजों की मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्धकर्म करते हैं।
बोधगया मंदिर वह स्थान है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
बोधगया मंदिर परिसर में एक पवित्र वृक्ष है जिसे महाबोधि वृक्ष कहा जाता है।
इसी वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
बोधगया मंदिर की वास्तुकला बौद्ध वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है।
यह मंदिर 5वीं शताब्दी में बनाया गया था।
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