नई दिल्ली: बिहार में भाजपा के एक कार्यक्रम से जुड़ी एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। 25 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्म दिवस के अवसर पर पटना में भाजपा द्वारा एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसका नाम ‘मैं अटल रहूंगा’ रखा गया था। इस कार्यक्रम में भोजपुरी गायिका देवी को भी बुलाया गया था, लेकिन यहां एक गाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
कार्यक्रम में देवी जब महात्मा गांधी का प्रसिद्ध भजन ‘रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम’ गा रही थीं, तो भाजपा के कुछ नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा हंगामा करने के बाद देवी को माफी मांगनी पड़ी। गायिका देवी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें माफी तो मांगनी पड़ी, लेकिन उनका मानना है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी एक हैं और महात्मा गांधी का यह भजन इस संदेश को ही दर्शाता है।
गायिका देवी ने कहा कि हमारी एकता को बनाए रखना चाहिए। अगर किसी एक समुदाय के लोग गलत कर रहे हैं, तो इसका यह मतलब नहीं कि दूसरा समुदाय भी वही करे। देवी ने आगे कहा कि हमें मानवता को सबसे महत्वपूर्ण धर्म मानना चाहिए। उनका मानना है कि भगवान के कई नाम हैं, जैसे कोई उसे गॉड, कोई राम और कोई अल्लाह कहता है, लेकिन उद्देश्य एक ही है भगवान। देवी ने यह भी कहा कि अगर किसी को उनका गाना बुरा लगा है, तो वह माफी चाहती हैं, लेकिन सभी से अपील की है वे मानवता के धर्म को अपनाएं।
इस घटना पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, “पटना में जब गायिका देवी ने गांधी जी का भजन गाया, तो भाजपा के नेताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। टुच्ची सोच वाले कुछ लोगों की भावनाएं आहत हो गईं। देवी को माफी मांगनी पड़ी।” राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने भी इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गांधी जी के प्रिय भजन को गाने पर हंगामा किया गया और गायिका को माफी मांगने पर मजबूर किया गया। उन्होंने पूछा कि यह किस तरह का शासन है, जहां गंगा-जमुनी तहजीब को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
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