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अखिलेश से यूपी का बदला महाराष्ट्र में लेगी कांग्रेस, बनाया ये प्लॉन!

लखनऊ. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी में कांग्रेस को दिन में ही तारे दिखा दिये हैं. उन्होंने सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसा करते समय उन्होंने इंडिया गठबंधन की एकजुटता की दुहाई दी है. कांग्रेस 5 सीटें मांग रही थी और अखिलेश यादव उसे सिर्फ 2 सीटें अलीगढ़ […]

Rahul Gandhi & Akhilesh Yadav
inkhbar News
  • Last Updated: October 24, 2024 14:06:00 IST


लखनऊ.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी में कांग्रेस को दिन में ही तारे दिखा दिये हैं. उन्होंने सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसा करते समय उन्होंने इंडिया गठबंधन की एकजुटता की दुहाई दी है. कांग्रेस 5 सीटें मांग रही थी और अखिलेश यादव उसे सिर्फ 2 सीटें अलीगढ़ की खैर और गाजियाबद दे रहे थे. ये दोनों सीटें ऐसी है जिसमें कांग्रेस तो क्या सपा के लिए भी जीतना मुश्किल है. कांग्रेस ने हारने की बजाय पैर पीछे खींचना मुनासिब समझा. उसे चोट बहुत गहरी लगी है लेकिन वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है लिहाजा महाराष्ट्र में सपा से हिसाब बराबर कर सकती है.

अखिलेश ने राहुल को दिया झटका

हाल में दो राज्यों जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को मिली मात ने इंडिया गठबंधन में उसकी स्थिति को खराब कर दिया है. हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनाने के लिए सपने संजो रही थी लेकिन ऐसा हो न सका और उसका खामियाजा उसे यूपी से लेकर महाराष्ट्र और झारखंड के सीट बंटवारे में भुगतना पड़ रहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सूबे की 9 सीटों पर हो रहे उप चुनाव में सभी सीटों पर लड़ने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस हाथ मलती रह गई लेकिन ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं है क्योंकि इससे इंडिया गठबंधन में मतभेद होने का संदेश जाएगा.

कांग्रेस को सहयोगी नहीं दे रहे भाव

ऐसे ही झारखंड की 81 सीटों में से झामुमो ने उसे 30 सीट छोड़ा जबकि 40 पर वह खुद लड़ रही है. ठीक इसी तरीके से महाराष्ट्र में भी कांग्रेस को ज्यादा भाव नहीं मिली. लोकसभा चुनाव में वहां की 13 सीटें जीतने के बाद उसे उम्मीद थी कि उसे बड़े भाई का दर्जा मिलेगा लेकिन शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी ने उसकी एक नहीं चलने दी. 288 में से 85-85-85 सीटों पर लड़ने का समझौता हुआ है. 33 सीटें अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ा गया है. सपा महाराष्ट्र में 12 सीटें मांग रही है जो कि गठबंधन के लिए देना संभव नहीं है. कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि वहां पर सपा को कम से कम सीटें मिले ताकि वह भविष्य में एकतरफा फैसले से बचें.

हरियाणा की हार से कांग्रेस का कद घटा

जानकारों का मानना है कि कांग्रेस यदि हरिय़ाणा में सरकार बना ली होती तो उसके सहयोगी ऐसा व्यवहार नहीं करते. हरियाणा हारने से कांग्रेस को बहुत नुकसान हो गया है लेकिन राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है. यदि दो राज्यों के विधानसभा और 47 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उप चुनाव में उसने अच्छा परफार्मेंस कर लिया तो फिर से उसका सिक्का चलने लगेगा.

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