भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर टिप्पणी कर चर्चे में आये और गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सर्वोच्च अदालत ने बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कथित आपत्तिजनक पोस्ट के सिलसिले में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जमानत के साथ नसीहत भी दी.
कोर्ट ने कहा कि आपको सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए हल्के शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. कोर्ट ने उन्हें ऑपरेशन सिंदूर को लेकर और कोई पोस्ट करने से रोक दिया है और मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है. प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की मंगलवार को दो दिन की रिमांड खत्म होने पर स्थानीय अदालत ने सात दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रोफेसर अली खान के सोशल मीडिया पोस्ट में शब्दों के चयन पर सवाल उठाये और कहा कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल दूसरों को अपमानित करने और असहज करने के लिए किया गया. सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन अभी ऐसी टिप्पणी क्यों? सर्वोच्च अदालन ने हरियाणा केपुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वो मामले की जांच के लिए आईजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी (SIT) का गठन करें.
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चर्चे में आये अली खान सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. गिरफ्तारी के बाद राहत पाने के लिए वह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और याचिका दाखिल कर आपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. सोमवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीजेआई बीआर गवई और आगस्टिन जार्ज मसीह की पीठ के समक्ष मामले को उठाया था और कहा था कि उन्हें देशभक्ति वाले बयान के लिए गिरफ्तार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई का भरोसा दिया था और आज अंतरिम जमानत दे दी.
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