26/11 मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा अमेरिका से कल भारत लाया गया था. दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम पहुंचने के बाद वहीं पर उसका मेडिकल हुआ था. इसके बाद देर रात एनआईए की टीम उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट लेकर गई, जहां उसे एनआईए के स्पेशल जज के सामने पेश किया गया. वहां पर एनआईए के वकील ने कोर्ट को बताया कि राणा की 20 दिन की रिमांड क्यों जरूरी है. रिमांड मिलते ही एनआईए उसे अपने मुख्यालय लेकर चली गई जहां पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं.
आपको बता दें कि 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमले से ठीक पहले मास्टर माइंड तहव्वुर राणा मुंबई आया था. राणा दुबई के रास्ते मुंबई पहुंचा और 11 नवंबर से 21 नवंबर 2008 तक पवई के होटल रिनेसां में ठहरा था. इस दौरान उसने हमले से जुड़े सारे ठिकानों का जायजा लिया और उसके जाने के 5 दिन बाद 26 नवंबर को मुंबई में आतंकी हमला हो गया. हमला और सुरक्षाबलों से आतंकियों की मुठभेड़ चार दिनों तक चली थी जिसमें 166 लोग मारे गये थे. इस हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते 10 आतंकी आये थे जिसमें नौ को सुरक्षाबलों ने मौके पर ही ढेर कर दिया था जबकि एक आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ लिय़ा गया था जिसे 2012 में फांसी हुई.
तहव्वुर राणा के भारत आने से पाकिस्तान की पोल खुलनी तय है. इसके लिए सिर्फ भारतीय एजेंसिंयां ही नहीं बल्कि अमेरिकी एजेंसियां भी बताएंगी कि किस तरह पाकिस्तान में बैठकर मुंबई हमले की साजिश रची गई. FBI और अभियोजन पक्ष ने तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ मुंबई के 26/11 हमले से संबंधित सबूत वहां की अदालतों में पेश किये हैं. हेडली ने 2010 में गवाही दी है कि लश्कर-ए-तैयबा के लिए उसने मुंबई में ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, नरीमन हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की रेकी की थी.
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