लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड को लेकर गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का डर कितना था। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अतीक अहमद की नजर जहां टिकी, उस चीज को उसने अपना बना लिया। ऐसा ही एक मामला 2007 का है जिसमें अतीक ने गांधी परिवार के करीबी रिश्तेदार की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया था। मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि मामले को सुलझाने के लिए पीएमओ को दखल देना पड़ा था।

क्या है पूरा मामला ?

पूरी घटना 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले की है, जब कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के ससुर फिरोज गांधी के बहनोई के भतीजे वीरा गांधी को सिविल लाइंस इलाके में एमजी मार्ग पर स्थित पैलेस थियेटर पारिवारिक बंटवारे में मिला था। उसी जगह 2007 में तत्कालीन सपा सांसद अतीक ने अस्थाना परिवार से कुछ जमीन खरीदी थी, जब पड़ोस में ही वीरा गांधी की प्रॉपर्टी के बारे में अतीक को पता चला तो उसने अपने बदमाशों के जरिए उस पर कब्जा करा दिया और ताला लगाकर चाबी अपने पास रख ली। अतीक की दबंगई के चलते स्थानीय पुलिस प्रशासन भी वीरा गांधी की मदद नहीं कर सका था

सोनिया गांधी से लगाई गुहार

बता दें, अतीक उस समय सपा का सांसद था और यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। वीरा गांधी की कही भी सुनवाई ना होने पर वीरा ने सोनिया गांधी से मदद मांगी। जिसके बाद सोनिया गांधी के कहने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दफ्तर ने यूपी सरकार के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई थी। सोनिया गांधी ने अतीक की इस करतूत का जिक्र प्रयागराज से जुड़े कांग्रेस पार्टी की एक महिला नेत्री से की थी। महिला नेत्री ने अतीक को बताया था कि इस मामले को लेकर सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह का दफ्तर बेहद नाराज है। जिसके बाद वीरा को उनके पैलेस की चाबी वापस दे दी गई।