पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में पिछले दिनों हुई हिंसा पर न्यायालय द्वारा गठित SIT की रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं जिसको लेकर भाजपा आग बबूला है. पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की हिंदुओं के प्रति निर्ममता साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद घटना को लेकर जो अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी गई है उससे तथाकथित धर्मनिरपेक्षता का नक़ाब ओढ़े लोगों का नकाब उतर गया है.
#WATCH | Delhi: BJP MP Sudhanshu Trivedi says “The way a specific type of politics is going on in the country at present, it seems that it is ready to go to any lengths to destroy the internal security and structure of the country. Today, after the report of the SIT constituted… pic.twitter.com/TNWVZ5cYAn
— ANI (@ANI) May 21, 2025
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल हिंसा के मुद्दे पर न्यायालय द्वारा गठित SIT की रिपोर्ट आने के बाद ममता सरकार बेनकाब हो गई है. हिंदुओं के प्रति निर्ममता साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है. मुर्शिदाबाद घटना को लेकर जो जांच रिपोर्ट आई है इससे तथाकथित धर्मनिरपेक्षता का चोला उतर गया है. उन्होंने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट की रिपोर्ट आने के बाद तृणमूल कांग्रेस की हिंदू विरोधी निर्ममता सबके सामने है. मुर्शिदाबाद हिंसा पहलगाम की तरह है क्योंकि दोनों जगह हिंदुओं को ही निशाना बनाया गया.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर SIT का गठन किया गया था. इसमें तीन सदस्य थे जिसमें से एक सदस्य मानवाधिकार अधिकारी और दो सदस्य पश्चिम बंगाल न्यायिक सेवा से थे. उन्होंने 11 अप्रैल 2025 को हुई घटनाओं का अवलोकन करने के बाद जो रिपोर्ट दी है उससे टीएमसी, इंडी गठबंधन और धर्मनिरपेक्षता का लाबादा ओढ़े तथाकथित नायकों का मुखौटा उतर गया है. पाकिस्तान के साथ युद्ध पर सवाल करने वालों ने इस अत्याचार पर एक शब्द भी नहीं बोला. मुर्शिदाबाद में पिता और पुत्र हरगोबिंद दास और चंदन दास की नृशंस हत्या पर चुपी क्या साबित करती है. इन्हीं लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति जताई.
कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का एक नेता शामिल था. वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के दौरान हुए हमले हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए थे और जब परेशान लोगों ने मदद के लिए गुहार लगाई तो पुलिस ने मौन साध लिया. रिपोर्ट में आगजनी, लूटपाट तथा दुकानों और मॉलों को लगातार नष्ट करने की बात भी सामने आई है. हमले स्थानीय पार्षद महबूब आलम ने कराये. स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय रही.
हमले की सबसे बड़ी घटना 11 अप्रैल 2025 को दोपहर 2.30 बजे हुई जब स्थानीय पार्षद महबूब आलम उपद्रवियों के साथ पहुंचा. रिपोर्ट में कहा गया है कि समसेरगंज, हिजालतला, शिउलिताला, डिगरी के निवासी अपना चेहरा ढककर आए थे और देखते ही देखते हिंसा भड़क गई.
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