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Chandigarh Mayor: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, आप के कुलदीप टीटा बने मेयर

नई दिल्लीः उच्चतम अदालत ने आम आदमी पार्टी के कुलदीप टीटा को चंडीगढ़ मेयर चुनाव का विजेता घोषित कर दिया। केस की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को 12 वोट मिले थे। आठ मतों को गलत तरीके से अमान्य घोषित कर दिया गया था। बाद में ये आठ वोट याचिकाकर्ता के पक्ष […]

Chandigarh Election: सुप्रीम कोर्ट का मेयर चुनाव को लेकर फैसला, कहा- निशान लगे बैलेट भी गिने जाएंगे
inkhbar News
  • Last Updated: February 20, 2024 16:15:50 IST

नई दिल्लीः उच्चतम अदालत ने आम आदमी पार्टी के कुलदीप टीटा को चंडीगढ़ मेयर चुनाव का विजेता घोषित कर दिया। केस की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को 12 वोट मिले थे। आठ मतों को गलत तरीके से अमान्य घोषित कर दिया गया था। बाद में ये आठ वोट याचिकाकर्ता के पक्ष में पाए गए थे। इस तरह आठ मतों को जोड़ने पर याचिकाकर्ता के 20 वोट हो जाते हैं। लिहाजा, आप पार्षद और याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद पर निर्वाचित घोषित किया जाता है। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित करने का फैसला गलत माना गया।

30 जनवरी को हुआ था मतदान 

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर उच्चतम न्यायालय मे सुनवाई के बाद ये फैसला आया। बता दें कि अदालत ने 30 जनवरी को हुए मतदान के बैलेट पेपर की जांच की। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि आप उम्मीदवारों के पक्ष में डाले गए वोटों पर अतिरिक्त निशान थे। कोर्ट ने कहा कि निशान लगे बैलेट पेपर फिर से गिने जाएंगे जिसके बाद विजेता का नाम घोषित होगा। वहीं अदालत कि टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी में जश्न शुरु हो गया था।

मेयर चुनाव में कब क्या हुआ

बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए अधिसूचना 10 जनवरी को जारी किया गया था। 24 जनवरी को हाईकोर्ट के आदेश पर चुनाव हुआ। 30 जनवरी को वोटों की गिनती हुई और भाजपा के मनोज सोनकर मेयर चुने गए। चुनावी नतीजों में धांधली का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने हाईकोर्ट का रुख किया जिसके बाद अदालत ने चंडीगढ़ प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी।

फिर 5 फरवरी को आप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह की अलोचना की. अनिल मसीह ने माना था कि उसने बैलेट पेपर पर निशान लगाए थे। जिसके बाद 19 फरवरी को सुनवाई तय की गई। वहीं सुनवाई से एक दिन पहले मेयर मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया था। 19 फरवरी को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारी को डांट लगाई और बैलेट पेपर को फिर से गिनती करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी जताई है कि अंत में लोकतंत्र की जीत हुई है.