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हॉकी में टुटा भारत का सपना! मिला कांस्य पदक, ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में दी मात

नई दिल्ली, कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया है, जिसके तहत पुरुष हॉकी टीम सिल्वर मेडल हासिल करने में सफल रही है. सोमवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 7-0 से करारी शिकस्त दी, इस हार के साथ ही भारतीय हॉकी टीम का गोल्ड मेडल जीतने का सपना […]

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  • Last Updated: August 8, 2022 18:48:12 IST

नई दिल्ली, कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया है, जिसके तहत पुरुष हॉकी टीम सिल्वर मेडल हासिल करने में सफल रही है. सोमवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 7-0 से करारी शिकस्त दी, इस हार के साथ ही भारतीय हॉकी टीम का गोल्ड मेडल जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया और भारत ने रजत पदक अपने नाम किया.

लक्ष्य सेन ने हासिल किया स्वर्ण

मैंस सिंगल्स बैडमिंटन के मुकाबले में लक्ष्य सेन ने स्वर्ण पदक हासिल किया। इस मैच में उनका मुकाबले मलेशिया के यॉन्ग के साथ था, लेकिन उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 20वा स्वर्ण पदक भारत के नाम किया है।

पीवी सिंधु का महिला एकल गोल्ड

भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में धमाकेदार प्रदर्शन कर देश को 19वां स्वर्ण दिला दिया है। उन्होंने सिंगल्स फाइनल मुकाबले में कनाडा की नंबर-13 मिशेल ली को लगातार दो गेम में करारी शिकस्त दी है, दुनिया की नंबर-7 शटलर पीवी सिंधु ने पहला गेम 21-15 से जीता था, पहले मुकाबले में मिशेल ने सिंधु को थोड़ी टक्कर दी थी, लेकिन दूसरे गेम में सिंधु ने उन्हें कोई मौका ही नहीं दिया। दूसरा मुकाबला भी भारत की स्टार शटलर ने 21-13 से जीत लिया। इसके साथ ही सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल्स में अपना यह पहला स्वर्ण जीता है।

पीवी सिंधु ने क्यों चुना बैडमिंटन?

सिंधु ने आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। दरअसल माता पिता दोनों वॉलीबॉल खिलाड़ी थे लेकिन सिंधु का लगाव बैडमिंटन की ओर था। वह पुलेला गोपीचंद की सफलता से प्रभावित थीं। पुलेला गोपीचंद ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन थे।

इसीलिए ली बैडमिंटन की ट्रेनिंग

सिंधु ने बैडमिंटन की ट्रेनिंग सिकंदराबाद में इंडियन रेल्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन में मेहबूब अली की देखरेख में शुरू की। बाद में पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में दाखिला लिया। कोचिंग कैंप सिंधु के घर से 56 किलोमीटर दूर था, लेकिन वह रोज समय पर ट्रेनिंग ग्राउंड में पहुंचती थीं।

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