नई दिल्ली। माथे पर मुहांसे होने एक आम समस्या है, लेकिन जब यह बढ़ने लगती है तो बड़ी दिक्कत बन जाते हैं। क्या आपके माथे पर मुहांसे हैं, जिनसे आप छुटकारा पाने चाहते हैं। साथ ही यह भी जानना चाहते है कि आखिर यह मुहांसे होते क्यों है तो आइए जानते हैं इसके पीछे कारण और उपाय।

मुहांसे के कारण

पिंपल्स या मुहांसे होना एक आम समस्या है। माथे पर होने वाले यह मुहांसे फोड़ने पर और अधिक बढ़ जाते हैं। साथ ही मुहांसे ठीक होने के साथ अपने पीछे उसका निशान छोड़ जाते हैं। माथे पर मुंहासे होने का एक मुख्य कार है सीबाम का ज्यादा उत्पादन।। जब सीबम गंदगी, पसीने और डेड स्किन सेल्स के साथ मिल जाते है तो यह रोम छिद्रों को बंद कर देत हैं, जिससे पिंपल्स या मुहांसे होते हैं।

पीरियड्स और प्रेग्रेंसी के कारण

पीरियड्स या प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर के हार्मोन्स में तेजी से बदलाव होता है, जो मुहांसे का कारण बनते हैं। पीरियड्स या प्रेग्रेंसी में महिलाओं में कई तरह के मानसिक और शारीरिक बदलाव आते हैं, जिस वजह से चेहरे पर मुहांसे होने लगते हैं। इसके लिए किसी तरह के खास इलाज के आवश्यकता नहीं होती है। समय के साथ धीरे-धीरे यह खुद ही ठीक होने लगते हैं।

ऑयली और खराब फूड

ऑयली फूड में कैलोरी और सैचुरेटेड फैट्स ज्यादा होते हैं, जिससे चेहरे पर मुहांसे होते हैं। पैकेज खाने की चीजें और तली-भुनी चीजे खाने से ब्लड प्रेशर और हार्मोन असंतुलन बढ़ता है, जिससे तेजी से मुहांसे होते हैं। तेल में तली चीजें पचाने में कठिन होती हैं, जिसका असर चेहरे पर होता है। सेचुरेटेड फैट सीबाम के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे माथे पर मुहांसे होते हैं।

खराब स्किन केयर रुटीन

खराब स्किन केयर रुटीन भी आपकी त्वचा को खराब कर सकता है। खराब स्किन केयर रुटीन से आपकी में पिंपल्स और मुहांसे हो सकते हैं। खराब स्किन केयर रुटीन से त्वचा में इरिटेशन हो सकती है। साथ ही शरीर के रोमछिद्र बंद हो सकते हैं। शरीर के रोम छिद्र बंद होने से चेहरे पर मुहांसे आने लगते हैं।

मुहांसे से छुटकारा पाने के उपाय

माथे पर होने वाले मुहांसे से छुटकारा पाने के लिए दिन में 2 बार फेसवॉश में अपना मुंह धोए। चेहरे को रगड़े बिना केवल थपथपाकर सुखाएं। चेहरे को छूने से बचें। चेहरे को खरोंचने और रगड़ने से यह समस्या बढ़ सकती है। मुहांसे कम करने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। एलोवेरा जेल सूजनरोधी मुहांसों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ग्रीन टी का भी इस्तेमाल लाभकारी होगा। ग्रीन टी सीबाम के उत्पादन को कम करने और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है।

ये भी पढ़े

आम की गुठली को फेंकने की बजाय अपनाएं, सेहत को मिलेंगे अनमोल फायदे