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इंडोनेशिया में आया भूकंप , 7.0 तीव्रता से हिली धरती

नई दिल्ली: इंडोनेशिया में अभी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूंकप की तीव्रता 7.0 मापी गई। यह भूकंप काफी शक्तिशाली था। बता दें, भारतीय समय के मुताबिक, इसे 3:25 पर महसूस किया गया था। वैसे आपको बता दें, भूंकप की 7.0 तीव्रता बेहद ही खतरनाक मानी जाती है। फ़िलहाल इस भूकंप […]

इंडोनेशिया में आया भूकंप , 7.0 तीव्रता से हिली धरती
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  • Last Updated: April 14, 2023 16:35:37 IST

नई दिल्ली: इंडोनेशिया में अभी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूंकप की तीव्रता 7.0 मापी गई। यह भूकंप काफी शक्तिशाली था। बता दें, भारतीय समय के मुताबिक, इसे 3:25 पर महसूस किया गया था। वैसे आपको बता दें, भूंकप की 7.0 तीव्रता बेहद ही खतरनाक मानी जाती है। फ़िलहाल इस भूकंप में किसी तरह की जान माल की नुकसान की खबर नहीं मिली है।

भूकंप आने पर क्या करें क्या नहीं

1. भूकंप के समय अगर आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। इधर-उधर भागे नहीं।
2. अपने घर में किसी मजबूत वस्तु जैसे टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर अपने सिर को सही तरीके से ढंके। स्विच बोर्ड्स न छुएं।
3. अगर बाहर जाना सम्भव न हो तो डरे नहीं भूकंप के झटके समाप्त होने तक घर में ही रहे झटकों के थमने के बाद ही बाहर निकले।
4. रात को सोते वक्त भूकंप आया है तो बिस्तर पर लेटे रहें और तकिए से सर को अच्छे से ढकें।
5. लिफ्ट का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से ही बाहर निकलने की कोशिश करें।

 

रिक्टर स्केल और भूकंप

भूकंपों को मापने और उनके खतरे के अंदाज़ा करने वाले पैमाने को रिक्टर स्केल कहा जाता है। भूकंपीय तरंगों की तीव्रता से पता चलता है कि भूकंप कितना ख़तरनाक था और इसका केंद्र कहाँ था। इसकी खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स एफ रिक्टर ने की थी, लिहाज़ा उनके नाम पर इस यंत्र को रिक्टर स्केल का नाम दिया गया। इससे तरंगों की बुनियाद पर भूकंप की तीव्रता और ख़तरे का पता लगाया जाता है।

 

3-4 तीव्रता

जब 3 से 3.9 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो व्यक्ति झटके को अच्छी तरह महसूस कर सकता है। छत के पंखे भी हिलने लगते हैं। दरवाजों और खिड़कियों पर लगे पर्दे भी हिल जाते हैं। घर में अगर कोई पालतू जानवर है तो वह अजीब सी हरकतें करने लगता है। लेकिन ऐसे भूकंप से दीवारें नहीं हिलतीं।

 

4-5 तीव्रता

आपको बता दें,4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर खिड़की के शीशे टूट सकते हैं। मेज के किनारे रखा गिलास फर्श पर गिर सकता है। छत के पंखे जल्दी हिलते हैं, लेकिन इतने भूकंप से भी घर की दीवारों को कोई नुकसान नहीं होता है।

 

5-6 तीव्रता

5-6 की तीव्रता वाला भूकंप कच्चे घर को नुकसान पहुँचा सकता है। अगर दीवारें कमजोर हों तो दरारें आ सकती हैं। भूकंप के बाद अपने घरों की जाँच करनी चाहिए।

 

6-7 तीव्रता

जब भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 से अधिक होती है तो यह सबसे खतरनाक केटेगरी में आता है। इससे दीवारों में दरार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।यदि घर भूकंप रोधी नहीं है तो इस प्रकार के भूकंप में दूसरी या तीसरी मंजिल बुरी तरह से ख़राब हो सकती है।

 

7-8 तीव्रता

भूवैज्ञानिकों की नजर में जब भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7 से ज़्यादा होती है तो वह विनाशकारी हो जाता है। मज़बूत से मज़बूत घरों के लिए इतना तेज़ भूकंप खतरनाक साबित होता है। 7-8 तीव्रता का भूकंप शर्तिया तौर पर नाशलीला लेकर आएगा।

 

 

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