नई दिल्ली। देश को पूर्ण साक्षर बनाने की मुहिम को लेकर एक खुशखबरी सामने आई है। इस मुहिम में मिजोरम राज्य आगे है। मिजोरम कई राज्यों को पीछे छोड़ते हुए देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है। पूर्ण साक्षर राज्य बनने की खुशी में मिजोरम राज्य को एक प्रमाण पत्र भी सौंपा गया है।
उल्लास साक्षरता मिशन
इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भी साल 2024 में पूर्ण साक्षर की श्रेणी में शामिल हो चुका है। नव साक्षर मिशन के तहत 97 फीसदी साक्षरता हासिल करने पर किसी राज्य को पूर्ण साक्षर का दर्जा दिया जाता है। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार 2011 में हुई जनगणना में देश की साक्षरता दर 79.04 प्रतिशत थी। बता दें कि इस लक्ष्य को हासिल करने की धीमी रफ्तार को देखते हुए मंत्रालय ने जुलाई 2023 में उल्लास नाम से एक नया साक्षरता मिशन कार्यक्रम लॉन्च किया था। इस मिशन में साक्षरता के नए मानक तय किए गए थे। वहीं राज्यों को इस मुहिम में तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया था। नई राष्ट्रीय शिक्षा मिशन नीति से इस मुहिम को और भी मदद मिली है।
उपलब्धि के लिए सौंपा प्रमाण पत्र
नई शिक्षा नीति के तहत स्थानीय भाषाओं में लोगों को अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इस बीच केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने मंगलवार को आइजोल में राज्य के सीएम लालदुहोमा की उपस्थिति में इसकी घोषणा की। उन्हें इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए प्रमाण भी सौंपा गया। मंत्रालय के अनुसार दूसरे राज्य भी इस दिशा में तेजी से काम कर सकते हैं। छोटे राज्यों के लिए यह लक्ष्य हासिल करना इसलिए भी आसान है क्योंकि इनकी आबादी बाकी बड़े राज्यों के मुकाबले काफी कम है। साल 2011 की जनगणना में मिजोरम की आबादी लगभग 19.80 लाख थी। अब यह आबादी बढ़कर 25 लाख पहुंचने का अनुमान है। एक अनुमान के अनुसार देश की साक्षरता दर वर्तमान समय में 85 फीसदी है, जो साल 2011 में 74.04 फीसदी थी।