Operation Sindoor: 7 मई 2025 को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर किए गए सटीक मिसाइल हमलों जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए. जिसने विश्व भर में हलचल मचा दी. यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे.
रूस का आधिकारिक बयान
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा ‘हम पहलगाम के निकट हुए आतंकी हमले और इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव से गहरी चिंता में हैं. हम सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं और वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मतभेद शांतिपूर्ण, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के अनुसार सुलझाए जाएंगे.’
रूस ने दोनों देशों से तनाव को और बढ़ाने से बचने और संवाद के जरिए समाधान निकालने का आग्रह किया. रूसी बयान में आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का स्पष्ट समर्थन या निंदा नहीं की गई बल्कि तटस्थ रुख अपनाते हुए क्षेत्रीय शांति पर जोर दिया गया.
भारत की कूटनीतिक पहल
भारत ने ऑपरेशन के तुरंत बाद रूस सहित प्रमुख देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, और UAE) को इसकी जानकारी दी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से बात की और ऑपरेशन के उद्देश्यों पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी ढांचे को नष्ट करना के बारे में बताया. भारत ने स्पष्ट किया कि हमले सटीक मापा हुआ और गैर-उत्तेजक थे और किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया.
वैश्विक संदर्भ में रूस का रुख
रूस का बयान उसकी पारंपरिक कूटनीतिक नीति को दर्शाता है जिसमें वह भारत के साथ अपने मजबूत रक्षा और रणनीतिक संबंधों को बनाए रखते हुए क्षेत्रीय अस्थिरता से बचने की कोशिश करता है. रूस भारत का प्रमुख रक्षा साझेदार रहा है लेकिन वह पाकिस्तान के साथ भी सीमित सैन्य और आर्थिक संबंध रखता है. रूस की यह तटस्थ अपील संभवत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने और दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने की उसकी रणनीति का हिस्सा है.
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