नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक कोयला खदान में गुरुवार शाम बड़ा हादसा हो गया। खदान की छत धंसने से वहां काम कर रहे मजदूर दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया।
रेस्क्यू टीम ने अब तक तीन मजदूरों के शव मलबे से निकाले हैं। डॉक्टरों ने जांच के बाद तीनों को मृत घोषित कर दिया। बचाव अभियान में वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और पुलिस की संयुक्त टीम शामिल रही। बैतूल पुलिस अधीक्षक (एसपी) निश्चल झारिया ने हादसे की पुष्टि की और स्वयं मौके पर पहुंचे।
यह दुर्घटना सारणी के बागडोना-छतरपुर खदान में हुई, जहां खदान की छत गिरने से तीन मजदूरों की जान चली गई। सूचना मिलते ही विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और एसपी निश्चल झारिया मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जिससे अन्य मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान गोविंद कोसरिया (शिफ्ट इंचार्ज, 37 वर्ष), हरि चौहान (ओवरमैन, 46 वर्ष) और रामदेव पंडोले (माइनिंग सरदार, 49 वर्ष) के रूप में हुई है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) की ओर से लाइफ कवर स्कीम के तहत 1.5 लाख रुपये की सहायता राशि तत्काल देने का फैसला किया गया है। इसके अलावा, एक्स-ग्रेसिया, ग्रेच्युटी, कंपनसेशन, पीएफ और अन्य लाभों की राशि जल्द जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
हादसे के बाद प्रशासन ने कोयला खदानों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। फिलहाल, राहत और बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है और प्रशासन हादसे के कारणों की विस्तृत जांच कर रहा है।
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