India Mock Drill: पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस तनाव और युद्ध की संभावना को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई 2025 को देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों में राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल का आयोजन शुरू किया. यह अभ्यास 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है. दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, लखनऊ सहित कई प्रमुख शहरों में सायरन, ब्लैकआउट और आपातकालीन बचाव की रिहर्सल की जा रही है. यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ समन्वित है जिसमें भारत ने 7 मई की रात पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर 90 से अधिक आतंकियों को मार गिराया.

मॉक ड्रिल का उद्देश्य

मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य युद्ध, हवाई हमले, मिसाइल हमले या अन्य आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा और प्रशासन की तत्परता को परखना है. गृह मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास नागरिकों को सायरन, ब्लैकआउट और सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया से परिचित कराएगा. रिटायर्ड कर्नल वी.एन. थापर ने कहा, युद्ध सिर्फ सेना नहीं, पूरा देश लड़ता है. मॉक ड्रिल जागरूकता और बचाव का सबसे बड़ा हथियार है.

55 स्थानों पर सायरन और अभ्यास

दिल्ली में 7 मई को शाम 4 बजे 55 स्थानों पर मॉक ड्रिल शुरू हुई. खान मार्केट, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, IGI एयरपोर्ट टर्मिनल-3, और वसंत विहार जैसे क्षेत्रों में सायरन बजाए गए. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के नेतृत्व में पुलिस, सिविल डिफेंस स्वयंसेवक और अग्निशमन टीमें शामिल हैं. शाम 7 बजे ब्लैकआउट का अभ्यास भी किया गया. अधिकारियों ने बताया कि अगले दो सप्ताह तक चरणबद्ध तरीके से अभ्यास जारी रहेगा. दिल्ली पुलिस ने विशेष ध्वनि उपकरण (LRAD) तैनात किए, जो 1 किमी तक सायरन की आवाज पहुंचा सकते हैं.

मुंबई: 60 सायरन, 16 स्थानों पर ड्रिल

मुंबई में भी शाम 4 बजे मॉक ड्रिल शुरू हुई, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), क्रॉस मैदान, और दादर रेलवे स्टेशन जैसे क्षेत्र शामिल हैं. शहर में 60 सायरन बजाए गए, और दक्षिण मुंबई के एक मैदान में नागरिकों को युद्ध जैसे हालात में बचाव की ट्रेनिंग दी गई. महाराष्ट्र के 16 शहरों, जैसे पुणे, ठाणे, नासिक, और तारापुर, में भी ड्रिल हो रही है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा महाराष्ट्र पूरी तरह तैयार है.