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जून से शुरू होकर अगस्त तक चलेगी ‘कैलाश मानसरोवर यात्रा’, 5561 आवेदनों में से इतने यात्री चयनित, जून से अगस्त तक होगी यात्रा!

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025, 30 जून से 25 अगस्त तक चलेगी. कोविड-19 और भारत-चीन सीमा तनाव के कारण 2020 से रुकी यह यात्रा अब पुन शुरू हो रही है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 21 मई, 2025 को कंप्यूटरीकृत लॉटरी सिस्टम के जरिए 5561 आवेदनों में से 750 यात्रियों का चयन किया. यह यात्रा हिंदू, जैन, बौद्ध, और तिब्बती बोन धर्म के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है.

Kailash Manasarovar
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  • Last Updated: May 22, 2025 00:21:07 IST

Kailash Manasarovar Yatra: भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025, 30 जून से 25 अगस्त तक चलेगी. कोविड-19 और भारत-चीन सीमा तनाव के कारण 2020 से रुकी यह यात्रा अब पुन शुरू हो रही है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 21 मई, 2025 को कंप्यूटरीकृत लॉटरी सिस्टम के जरिए 5561 आवेदनों में से 750 यात्रियों का चयन किया. यह यात्रा हिंदू, जैन, बौद्ध, और तिब्बती बोन धर्म के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है.

चयन प्रक्रिया और आवेदन

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस साल 5561 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया, जिनमें 4024 पुरुष और 1537 महिलाएं शामिल थीं. चयन पूरी तरह निष्पक्ष, कंप्यूटरीकृत और लिंग-संतुलित प्रक्रिया के तहत किया गया. 750 चयनित यात्रियों को 15 बैचों में बांटा गया है. प्रत्येक बैच में 50 यात्री और 2 लॉजिस्टिक ऑफिसर (एलओ) होंगे. आवेदन प्रक्रिया 13 मई, 2025 तक चली और चयनित यात्रियों को ईमेल व एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा. सभी जानकारी विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट (kmy.gov.in) पर उपलब्ध है.

यात्रा के दो मार्ग

लिपुलेख मार्ग (उत्तराखंड): 5 बैच (प्रत्येक में 50 यात्री) इस मार्ग से जाएंगे. यह मार्ग अब पूरी तरह मोटरेबल है जिससे पैदल ट्रेकिंग न्यूनतम हो गई है. यात्रा टनकपुर, चंपावत, पिथौरागढ़, धारचूला और गुंजी होते हुए नाभिढांग तक जाएगी.
नाथू ला मार्ग (सिक्किम): 10 बैच (प्रत्येक में 50 यात्री) इस मार्ग से यात्रा करेंगे. यह मार्ग भी मोटरेबल है जिससे यात्रा अधिक सुगम हो गई है.
दोनों मार्गों पर यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए सड़क निर्माण और बुनियादी सुविधाएं विकसित की गई हैं.

यात्रा की लागत और सुविधाएं

लागत: लिपुलेख मार्ग के लिए प्रति यात्री लगभग 1.74 लाख रुपये और नाथू ला मार्ग के लिए 2.83 लाख रुपये का खर्च आएगा. हेलीकॉप्टर यात्रा (लखनऊ या काठमांडू से) का खर्च अलग होगा.
सुविधाएं: यात्रियों के लिए मेडिकल सुविधाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर और आपातकालीन हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध होंगी. कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) और सिक्किम पर्यटन विकास निगम (STDC) यात्रा का संचालन करेंगे.
स्वास्थ्य जांच: दिल्ली के हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट में अनिवार्य मेडिकल टेस्ट और फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी है. बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से कम होना चाहिए और आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

आवश्यक दस्तावेज

यात्रियों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे.
वैध भारतीय पासपोर्ट (कम से कम 6 महीने की वैधता).
6 रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो.
क्षतिपूर्ति बंध-पत्र (Indemnity Bond), जिसमें यात्री अपनी जिम्मेदारी पर यात्रा करने की सहमति देगा.
आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर निकासी और मृत्यु की स्थिति में चीन में दाह संस्कार के लिए सहमति पत्र.

कैलाश मानसरोवर यात्रा 19,500 फीट की ऊंचाई पर कठिन परिस्थितियों में की जाती है. जिसमें ठंड और ऊबड़-खाबड़ इलाके शामिल हैं. यह यात्रा हिंदुओं के लिए भगवान शिव और माता पार्वती के निवास स्थान के रूप में पवित्र है साथ ही जैन, बौद्ध, और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए भी महत्वपूर्ण है. माना जाता है कि इस यात्रा और मानसरोवर झील में स्नान से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

भारत-चीन संबंधों में सुधार

यह यात्रा भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार का प्रतीक है. 2023 में कजान में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद सीमा विवाद सुलझाने और यात्रा शुरू करने की सहमति बनी थी. उत्तराखंड में लिपुलेख मार्ग पर सड़क निर्माण ने यात्रा को और सुगम बनाया है.