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मोदी सरकार ने 14 खरीफ फसलों की MSP में किया इजाफा, जानें कैबिनेट के पांच बड़े फैसले

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का फैसला हुआ और इसके किलए 2,07,000 करोड़ रुपये मंजूर किये गये. इसके अलावा, किसानों को सस्ते दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ब्याज सहायता योजना को भी मंजूरी दे दी गई.

Cabinet Meeting_ MSP increased for 14 kharif crops
inkhbar News
  • Last Updated: May 28, 2025 16:12:42 IST

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज कई बड़े फैसले किये गये जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साझा की. खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के ऐलान के साथ 2,07,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई. इसके अलावा, किसानों को सस्ते दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ब्याज सहायता योजना को भी मंजूरी दे दी गई. कैबिनेट की बैठक में तीन प्रमुख परियोजनाओं- आंध्र प्रदेश में 4-लेन बदवेल-नेल्लोर हाइवे, महाराष्ट्र में 135 किलोमीटर लंबी वर्धा-बल्लार रेललाइन और मध्य प्रदेश में 41 किलोमीटर लंबी रतलाम-नागदा रेललाइन को चौड़ा करने को भी मंजूरी दे दी गई.

14 खरीफ फसलों की बढ़ी MSP

केंद्र सरकार ने धान, कपास, सोयाबीन, अरहर समेत खरीफ की 14 फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दी है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई MSP 2,369 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 69 रुपए ज्यादा है. वैष्णव ने बताया कि कपास की नई MSP 7,710 रुपए तय की गई है. इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 8,110 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 589 रुपए ज्यादा है. नई MSP से सरकार पर 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. जो रकम मंजूर की गई है वह पिछले फसल सीजन की तुलना में 7 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है.

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक इस बात का ध्यान रखा गया है कि MSP फसल की लागत से कम से कम 50% ज्यादा हो.  पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड-रामतिल  में 820 रुपये प्रति क्विंटल के दर से की गई है, रागी के लिए 596 रुपये प्रति क्विंटल, कपास के लिए 589 रुपये प्रति क्विंटल और तिल के लिए 579 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है.

ब्याज सहायता योजना पर मुहर

इसके अलावा किसानों को कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने के लिए ब्याज छूट/सहायता योजना पर भी मुहर लगाई गई. इस योजना पर 15,642 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए किसानों को लोन दिया जाएगा. ब्याज छूट योजना के तहत किसानों को खेती, बागवानी सहित फसल उगाने के लिए 3 लाख रुपये तक और सहायक कृषि गतिविधियों जैसे पशुपालन, मछली पालन वगैरह के लिए 2 लाख रुपये तक का लोन 7 फीसद सालाना की दर पर दिया जाता है.

इस योजना में सरकार 1.5 फीसद ब्याज खुद देती है और अगर किसान ने समय पर पैसा वापस कर दिया तो उसे 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है. इस तरह किसानों को सिर्फ 4% ब्याज देना होता है. साथ ही, 2 लाख रुपये तक के ऋण पर कोई गारंटी नहीं ली जाएगी. देशभर के 449 बैंक और वित्तीय संस्थानों को एक ही पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे किसानों को ऋण मिलना आसान हो जाएगा.

इन परियोजनाओ को भी मिली हरी झंडी

इसके अलावा कैबिनेट ने भारतीय रेलवे के दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी, जो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लागू की जाएंगी। इसमें रतलाम और नागदा के बीच तीसरी और और वर्धा व बल्लारशाह के बीच चौथी रेल लाइन की परियोजना शामिल है. इससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 176 किलोमीटर की वृद्धि होगी. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में आंध्र प्रदेश में बडवेल-गोपावरम गांव (एनएच-67) से गुरुविंदपुडी (एनएच-16) तक फोरलेन बडवेल-नेल्लोर राजमार्ग के निर्माण को भी स्वीकृति दे दी गई.

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