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अल्ट न्यूज वाले मोहम्मद जुबेर ने वीडियो शेयर कर भारत की एकता व अखंडता को खतरे में डाला, हाईकोर्ट बोला…

जुबैर के खिलाफ एफआईआर यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी की शिकायत पर दर्ज की गई है। त्यागी ने आरोप लगाया कि 3 अक्टूबर को जुबैर ने उनके खिलाफ हिंसा भड़काने के इरादे से नरसिंहानंद का एक पुराना वीडियो क्लिप साझा किया।

Mohammad Zubair
inkhbar News
  • Last Updated: November 28, 2024 08:28:32 IST

नई दिल्लीः ऑल्ट न्यूज के संस्थापक और एक्स पर पोस्ट के कारण विवादों में रहने वाले मोहम्मद जुबैर बुरे फंस चुके हैं। उनके ऊपर भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोप है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के समर्थकों द्वारा जुबैर द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए ट्वीट को लेकर दर्ज कराई गई। जुबैर ने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए एफआईआर के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था।

दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप

जुबैर के खिलाफ एफआईआर यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी की शिकायत पर दर्ज की गई है। त्यागी का आरोप है कि 3 अक्टूबर को जुबैर ने उनके खिलाफ हिंसा भड़काने के इरादे से नरसिंहानंद का एक पुराना वीडियो क्लिप शेयर किया था। इसके बाद डॉ. उदिता त्यागी ने डासना देवी मंडी में हुए हिंसक प्रदर्शन के लिए जुबैर, अरशद मदनी और असदुद्दीन ओवैसी को जिम्मेदार ठहराते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 228 (झूठे सबूत गढ़ना), 196 (धार्मिक आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 299 (धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 356 (3) (मानहानि) और 351 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है।

नरसिंहानंद का वीडियो पोस्ट किया

उच्च न्यायालय ने संशोधन को अनुमति दे दी और अगली सुनवाई 3 दिसंबर के लिए निर्धारित की। नरसिंहानंद ने एक सार्वजनिक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की। जुबैर ने एक्स पर एक ट्वीट पोस्ट किया, जिसमें भाषण को अपमानजनक और घृणास्पद बताया गया। इसके बाद, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में नरसिंहानंद के खिलाफ सांप्रदायिक नफरत भड़काने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कई एफआईआर दर्ज की गईं। इसके बाद डासना देवी मंदिर में विरोध प्रदर्शन किया गया।

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