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मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे के बाद का मंजर : अपनों के बिछड़ने का गम और आंखों में आंसू, 11 ने गंवाई जान, 4 कर रहे मौत से संघर्ष!

दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार तड़के चार मंजिला इमारत ढहने की घटना में मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच गई है. हादसे के बाद का मंजर किसी का भी कलेजा चीर देगा. आंखों में आंसू और अपनों के बिछड़ने के गम में डूबे लोग उस घड़ी को याद कर सिहर उठते हैं. चारों तरफ सुनाई दे रही है सिर्फ चीत्कार.

Mustafabad Building Collapse
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  • Last Updated: April 19, 2025 19:53:48 IST

दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार तड़के चार मंजिला इमारत ढहने वाले हादसे में मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच गई है. यह घटना तड़के करीब 3 बजे गली नंबर 1 में उस समय हुई जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे. जैसे ही बिल्डिंग गिरी धूल का गुब्बार छा गया और धरती कांपी. ऐसा लगा मानों भूकंप आया है.  पास ही के शिव विहार के रहने वाले  रयान के मुताबिक ऐसा लगा जैसे भूकंप आया हो. जमीन हिलने लगी और कुछ समझ में आता, उससे पहले ही सब कुछ धूल में तब्दील हो गया.  एक चार मंजिला इमारत जमींदोज हो गई थी. पूरी इमारत ताश के पत्तों की मानिंद भरभरा कर गिर गई. इस बिल्डिंग में कई परिवार रहते थे.

हादसे में मरने वालों की संख्या 11 हुई

इसके बाद इलाके में चीख-पुकार मच गई. फायर ब्रिगेड, पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ पहुंचा तो जगह इतनी संकरी कि वहां पर इक्विपमेंट और वाहनों का पहुंचना मुश्किल. जब तक इमदाद पहुंची बहुत देर हो चुकी थी. 11 लोग मारे गये, 11 जिंदा निकाले गये, 7 को प्रारंभिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई जबकि 4 अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि निर्माण और इमारत की नींव में सीवेज का पानी घुसने से ये हादसा हुआ. एनडीआरएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मोहसिन शाहीदी का मानना है कि यह पैनकेक कोलैप्स था. इस तरह के हादसों में पूरी इमारत एक के ऊपर एक गिरती है जिसमें जीवित बचने की संभावना बहुत कम होती है.

चार लोगों की हालत गंभीर

रेस्क्यू ऑपरेशन में कई लोगों को मलबे से निकाला गया, जिनमें 11 की मौत हो गई. चार लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और सात को छुट्टी दे दी गई है. जिन11 लोगों की इस हादसे में मौत हुई है उसमें चांदनी, दानिश, नावेद, रेशमा, अनस, नजीम, तहसीन, शाहिना, अफरीन, अफान व इस्हाक शामिल हैं. चार लोग शाहिद, रेहाना, अहमद, और तनु अभी भी अस्पताल में हैं जिनका इलाज चल रहा है.

कई परिवारों का सहारा न रहा

इस हादसे में सेहजाद अहमद ने अपने दो भतीजों, दानिश और नावेद को खो दिया.  दोनों तीसरी मंज़िल पर अपने माता-पिता के साथ रहते थे. उनकी बहन और बहनोई की स्थिति काफी गंभीर हैं. सोनू अब्बास ने अपनी बहन को खो दिया, जो चौथी मंज़िल पर अपने परिवार के साथ रह रही थीं.  जिस समय वह मलबे से बाहर आईं वह होश में थीं, अपने पति और बच्चों को बचाया, उसके बाद गिर पड़ीं और उनकी मौत हो गई.

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