नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़े नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आज चौथी सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत को बताया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपराध की आय से 142 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया धन शोधन का मामला बनता है.
ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि आरोपी तब तक इस आय का लाभ उठाते रहे जब तक प्रवर्तन निदेशालय ने नवंबर 2023 में नेशनल हेराल्ड से संबंधित 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त नहीं कर ली। ED की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि 2 जुलाई से 8 जुलाई तक इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई की जाएगी। यह केस 2012 से लंबित है, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी संबंधित कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
नेशनल हेराल्ड मामले में पहली शिकायत 2012 में की गई थी हालांकि शिकायत के बाद भी देरी हुई और ईडी ने 2014 में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामले की जांच शुरू की. यह सब कुछ तब हुआ जब एक ट्रायल कोर्ट ने 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर अनियमितताओं की आयकर जांच का संज्ञान लिया था. आरोपों के अनुसार 2010 में, नेशनल हेराल्ड प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) में 1,057 शेयरधारक थे. स्वामी की शिकायतों के मुताबिक गांधी परिवार ने धोखाधड़ी, आपराधिक गबन और विश्वासघात के जरिए यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) का इस्तेमाल कर एजेएल का अधिग्रहण कर लिया.
कहानी कुछ इस तरह है कि 2008 में भारी कर्ज के बोझ तले दबी एजेएल ने वित्तीय तंगी का हवाला देकर नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन बंद कर दिया. दो साल बाद 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) बनी. सोनिया और राहुल गांधी के पास इसके 38-38 फीसदी शेयर थे, जो संयुक्त रूप से 76 फीसदी था. बाकी के 24 फीसदी शेयर कांग्रेस के स्वर्गीय नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, पत्रकार सुमन दुबे, और सैम पित्रोदा के पास थे. एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को कांग्रेस ने 90.25 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था जिसे बाद में माफ कर दिया।
गांधी परिवार बन गया मालिक
एजेएल का नियंत्रण वाईआईएल को हस्तांतरित हो गया, अब इस पर अब एजेएल का 99 प्रतिशत स्वामित्व हो गया जिसकी कमान गांधी परिवार के पास थी. आरोप है कि ये सब हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. एजेंसी का का दावा है कि इसमें 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग भी हुई. जांच में यह बात भी आई है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ सहित भारत के कई शहरों में 661.69 करोड़ की अचल संपत्तियां हैं.
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