Operation Sindoor: 7 मई 2025 की रात भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिज्बुल मुजाहिदीन के नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए. भारतीय वायुसेना के राफेल जेट्स ने 25 मिनट में 24 मिसाइल हमले किए. जिसमें स्कैल्प, हैमर और ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ. इस ऑपरेशन ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लिया. जिसमें 26 लोग मारे गए थे. मगर पाकिस्तान की बेशर्मी तब सामने आई. जब उसकी सेना मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल हुई और आंसू बहाए. जिससे उसका आतंकवाद समर्थक चेहरा फिर बेनकाब हुआ.

आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना

मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मस्जिद वा मरकज तैबा पर भारतीय हमले में 25-30 आतंकी मारे गए. इसके बाद वहां आतंकियों का जनाजा निकाला गया, जिसमें पाकिस्तानी सेना के अधिकारी शामिल हुए. लश्कर के कमांडर अब्दुल रऊफ के जनाजे में सैन्य अधिकारियों को हाथ बांधे और सिर झुकाए देखा गया. बहावलपुर के मरकज सुभान अल्लाह में भी जैश के आतंकियों की लाशें ट्रैक्टरों में लाई गईं और वहां भी पाकिस्तानी सेना ने जनाजे में शिरकत की. यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिससे पाकिस्तान का दोहरा चरित्र उजागर हुआ. एक ओर वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दावा करता है दूसरी ओर आतंकियों के लिए मातम मनाता है. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रि.) जी.डी. बख्शी ने कहा पाकिस्तानी सेना का आतंकियों के लिए यह प्रेम उनकी आतंकवाद समर्थक नीति का जीता-जागता सबूत है.

ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव

ऑपरेशन सिंदूर ने जैश, लश्कर और हिज्बुल के आतंकी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया. प्रमुख नुकसान-

मसूद अजहर (जैश-ए-मोहम्मद): बहावलपुर के मरकज सुभान अल्लाह में उसके परिवार के 14 सदस्य, जिसमें उसकी पत्नी, बेटा मोहम्मद अब्दुल्ला, भाई रऊफ अजहर और अन्य रिश्तेदार मारे गए. मसूद ने कथित तौर पर कहा काश, मैं भी मर जाता. उसकी मौत की खबरों पर पुष्टि बाकी है.
हाफिज सईद (लश्कर-ए-तैयबा): मुरीदके में मस्जिद वा मरकज तैबा ध्वस्त, बेटा ताल्हा सईद मारा गया. हाफिज की स्थिति अस्पष्ट.
सैयद सलाहुद्दीन (हिज्बुल मुजाहिदीन): मुजफ्फराबाद और कोटली में ठिकाने नष्ट, कई कमांडर मारे गए. सलाहुद्दीन की स्थिति अज्ञात.
कुल नुकसान: 100 से अधिक आतंकी मारे गए, 60 घायल. नौ ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद शामिल.

पाकिस्तान का दोहरा चरित्र

पाकिस्तानी सेना की जनाजे में मौजूदगी ने उसके आतंकवाद समर्थक रवैये को उजागर किया. मुरीदके में लश्कर कमांडर अब्दुल रऊफ के जनाजे में सैन्य अधिकारियों का शामिल होना और बहावलपुर में जैश आतंकियों के लिए मातम मनाना इस बात का सबूत है कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों की संरक्षक है. पाकिस्तान ने ऑपरेशन के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ शिकायत की लेकिन वैश्विक समुदाय ने भारत के आतंकवाद विरोधी कदम का समर्थन किया. इजरायल के राजदूत ने कहा आतंकवाद के खिलाफ भारत का आत्मरक्षा का अधिकार है.

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