भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद करार देते हुए कठोर कदम उठाए. जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन, वाघा बॉर्डर बंद करना, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रोकना शामिल है. इस संवेदनशील माहौल में भारतीय वायुसेना (IAF) ने 24 अप्रैल 2025 को सेंट्रल सेक्टर में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास 'आक्रमण' (Exercise Aakraman) शुरू किया. जिसे युद्ध की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.
क्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के राम गोपाल यादव, और अन्य दलों के नेता शामिल हुए. बैठक में सभी दलों ने हमले की निंदा की और सरकार के कदमों का समर्थन किया. राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई जरूरी है और सरकार को जवाबदेही लेते हुए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
शिमला समझौता जिसे शिमला संधि भी कहा जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को हस्ताक्षरित एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय समझौता है. यह समझौता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और बांग्लादेश की मुक्ति के बाद दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और शांति स्थापित करने के लिए किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच युद्ध के बाद की स्थिति को सामान्य करना, युद्धबंदियों की वापसी सुनिश्चित करना, और भविष्य में विवादों को द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाने की प्रतिबद्धता जताना था.
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया. इस हमले में 28 लोगों की जान गई. जिनमें दो विदेशी पर्यटक शामिल थे और 20 से अधिक लोग घायल हुए. लश्कर-ए-तैयबा के विंग 'द रजिस्टेंट फ्रंट' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. इस घटना के बाद भारत सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए. जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन, वाघा बॉर्डर बंद करना, और SAARC वीजा रद्द करना शामिल है. इस संकटकाल में एकजुटता दिखाने के लिए 24 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश के हर कोने से आतंकियों और उसके आका पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग हो रही है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि यदि जंग हुई तो भारत और पाकिस्तान में कौन कितना ताकतवर है. पड़ोसी मुल्क जंग में भारत के सामने कितने दिन टिक पाएगा?
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इसी बीच पंजाब के फिरोजपुर में एक चौंकाने वाली घटना ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान, कांस्टेबल पी.के. सिंह गलती से भारत-पाकिस्तान सीमा की जीरो लाइन पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चला गया. पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे तुरंत हिरासत में ले लिया और उसका हथियार जब्त कर लिया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के इन कदमों का जवाब देने के लिए 24 अप्रैल 2025 को इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. इस बैठक में तीनों सेनाध्यक्ष, ISI प्रमुख, महत्वपूर्ण मंत्रियों और शीर्ष सैन्य व नागरिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक का मुख्य एजेंडा भारत की कार्रवाइयों, खासकर सिंधु जल संधि के निलंबन और राजनयिक प्रतिबंधों पर चर्चा करना था. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार इस बैठक में भारत के कदमों को ‘एकतरफा, अन्यायपूर्ण और गैर-कानूनी’ करार दिया गया.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई और 17 घायल हुए. भारत ने त्वरित और सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया और कई राजनयिक प्रतिबंध लगाए. इसी बीच पाकिस्तान ने अरब सागर में 24-25 अप्रैल को सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के परीक्षण की घोषणा की. लेकिन भारत ने उसी समुद्री क्षेत्र में अपनी नौसैनिक शक्ति का प्रदर्शन कर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी युद्धपोत INS सूरत ने अरब सागर में एक समुद्र-सतह लक्ष्य पर मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) का सफल परीक्षण किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार दौरे के दौरान पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह हमला भारत की आत्मा पर प्रहार है और इसके दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी जो उनकी कल्पना से भी परे होगी.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नया तनाव पैदा कर दिया है. इस हमले में 28 लोगों की जान गई और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) ने इसकी जिम्मेदारी ली. भारत सरकार के कड़े रुख और उसके बाद दिए गए बयान के जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज शरीफ ने 24 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है.