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Pahalgam Terror Attack: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा आतंकी हमले का मामला, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए उठाई गई ये मांगें

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में 28 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए. इस घटना के बाद पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं. इसी संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है. जिसमें पहाड़ी और दूरदराज के पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की गई है.

Pahalgam Terror Attack News
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  • Last Updated: April 23, 2025 21:45:46 IST

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में 28 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए. इस घटना के बाद पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं. इसी संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है. जिसमें पहाड़ी और दूरदराज के पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की गई है.

याचिका का आधार- पर्यटकों की सुरक्षा पर चिंता

याचिकाकर्ता अधिवक्ता विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी पीआईएल में पहलगाम हमले को एक चेतावनी के रूप में पेश किया. उन्होंने कहा ‘ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों को निशाना बनाया गया. जिसमें उनकी जान गई और कई घायल हुए. इस हमले ने पहाड़ी और दूरदराज के पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर किया है.’ याचिका में इस बात पर जोर दिया गया कि पर्यटक जो बिना हथियार और सुरक्षा के इन स्थानों पर घूमने आते हैं. आतंकियों के लिए आसान निशाना बन जाते हैं.

याचिकाकर्ता की प्रमुख मांगें

याचिका में केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से निम्नलिखित मांगें की गई हैं-

सुरक्षा बलों की तैनाती- पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों, विशेष रूप से पर्यटक स्थलों पर, पर्याप्त संख्या में सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात किए जाएं. याचिका में कहा गया ‘पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी. जिसके कारण यह हमला संभव हुआ.’

सुरक्षा दिशानिर्देश और जागरूकता- पर्यटकों और आम लोगों के लिए सुरक्षा कार्यक्रम और दिशानिर्देश तैयार किए जाएं ताकि वे आतंकी हमले की स्थिति में खुद को बचा सकें. तुरंत मदद प्राप्त कर सकें या सुरक्षित स्थान पर छिप सकें. याचिकाकर्ता ने कहा ‘लोगों को ऐसी परिस्थितियों में मार्गदर्शन की कमी है.’

चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार- दूरदराज के पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में उचित चिकित्सा सुविधाएं स्थापित की जाएं. ताकि आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो.

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा- चूंकि पहलगाम अमरनाथ यात्रा के मार्ग पर स्थित है. याचिका में इस पवित्र यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई है.

पर्यटकों की सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण?

याचिका में उत्तर भारत के राज्यों की अर्थव्यवस्था पर पर्यटन के महत्व को रेखांकित किया गया है. याचिकाकर्ता ने कहा ‘उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है क्योंकि गर्मियों में लाखों पर्यटक इन क्षेत्रों का रुख करते हैं. आतंकी हमले इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं.’ पहलगाम हमले ने पर्यटन उद्योग पर गहरा असर डाला है. जिसमें कोलकाता जैसे प्रमुख केंद्रों में यात्रा रद्द होने की खबरें सामने आई हैं.

सुप्रीम कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे ‘कायराना और अमानवीय कृत्य’ करार दिया. कोर्ट ने 23 अप्रैल 2025 को दो मिनट का मौन रखकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी निर्धारित नहीं हुई है लेकिन इसने सरकार और प्रशासन पर पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का दबाव बढ़ा दिया है.

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