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पीयूष गोयल बोले रिजर्व बैंक घटाए ब्याज दरें , गवर्नर शक्तिकांत दास ने दिया करारा जवाब

नई दिल्ली: सरकार और आरबीआई के बीच महंगाई को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है. परंतु आज पहली बार ऐसा देखने को मिला जब सार्वजनिक मंच पर महंगाई और ब्याज दरों को लेकर सरकार और आरबीआई के बीच अलग-अलग राय देखने को मिली. दरअसल, आज सीएनबीसी टीवी-18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल […]

Shaktidas
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  • Last Updated: November 15, 2024 13:04:56 IST

नई दिल्ली: सरकार और आरबीआई के बीच महंगाई को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है. परंतु आज पहली बार ऐसा देखने को मिला जब सार्वजनिक मंच पर महंगाई और ब्याज दरों को लेकर सरकार और आरबीआई के बीच अलग-अलग राय देखने को मिली. दरअसल, आज सीएनबीसी टीवी-18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास दोनों मौजूद थे. जब दोनों ने देश में ब्याज दरों को लेकर अपने विचार रखे तो यह दिलचस्प था. ऐसी स्थिति बन गई जिस पर आरबीआई गवर्नर ने जो जवाब दिया वो लाजवाब कर देगा.

आरबीआई को घटानी चाहिए ब्याज दरें

सीएनबीसी टीवी-18 के ग्लोबल लीडरशिप समिट के दौरान केंद्रीय वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश के केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई को निश्चित तौर पर ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए. मगर उन्होंने ये भी कहा कि यह उनकी निजी राय है. पीयूष गोयल ने बताया दिसंबर तक महंगाई दर में गिरावट आएगी और आम लोगों को कम कीमतों का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा. गोयल के अनुसार खाद्य महंगाई दरों के बढ़ने को ब्याज दरों में कटौती की वजह बनाने को सही थ्योरी नहीं मानते.

गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने केंद्रीय मंत्री के इस विचार पर मुस्कुराहट के साथ जवाब देते हुए कहा कि अगली मौद्रिक नीति दिसंबर के पहले हफ्ते में आने वाली है और मैं उस समय के लिए अपने विचार और कमेंट को बचाकर रखूंगा. धन्यवाद

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का रूख

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इससे पहले ग्लोबल समिट में की-नोट ऐड्रेस में बताया कि RBI ने अक्टूबर की पिछली क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरों को बिना किसी बदलाव के 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया, हालांकि, इसके साथ ही आरबीआई ने अपना रुख बदलकर न्यूट्रल कर लिया था. इससे पहले ‘विड्रॉल ऑफ अकोमडेशन का था. हालांकि, अमेरिका में ब्याज दर की बदलती स्थिति को देखते हुए ऐसी आशंका है कि दिसंबर में होने वाली एमपीसी की बैठक में रिजर्व बैंक फिर से ब्याज दरों को बिना बदलाव रखने का फैसला किया है.

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