भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पीएमओ पहुंचने को कहा. इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर अटकलें लगी कि राहुल गांधी को क्यों बुलाया गया, क्या पाकिस्तान पर आज रात बम फोड़ा जाएगाय़? अब स्थिति स्पष्ट हो गई है की पीएम ने विपक्ष के नेता को यूं ही याद नहीं किया है. दरअसल केद्रीय जांच ब्यूरो (CBI ) चीफ की नियुक्ति एक समिति करती है. इस समिति में पीएम मोदी के अलावा विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना भी शामिल हैं. आज समिति की बैठक है लिहाजा राहुल गांधी को बुलाया गया.
#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi arrives at Prime Minister’s Office, in Delhi. pic.twitter.com/jnbsHbYcs8
— ANI (@ANI) May 5, 2025
सीबीआई निदेशक के लिए चयन प्रक्रिया और संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा होनी है। CBI डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए एक समिति होती है जिसमें पीएम के अलावा नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायधीश या उनके द्वारा नामित सुप्रीम कोर्ट का कोई अन्य न्यायमूर्ति शामिल होता है. इस पद पर चयन के लिए नेता विपक्ष की राय काफी महत्वपूर्ण होती है.
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के तहत होती है. निदेशक का कार्यकाल दो वर्ष का होता है, जिसे केंद्र सरकार के निर्धारित शर्तों के तहत बढ़ाया जा सकता है। उम्मीदवार आमतौर पर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं, जिनका चयन उनके अनुभव, निष्पक्षता और प्रशासनिक क्षमता के आधार पर किया जाता है। पिछले एक दशक में सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर सियासत काफी गर्म रही है. विपक्षी आरोप लगाते हैं कि सीबीआई सरकार के राजनैतिको विरोधियों को निशाना बनाती है, इसलिए इस पद पर चयन तीनों पदाधिकारियों को काफी सोच समझकर करना होता है.
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