कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले एमपी के मंत्री विजय शाह बुरी तरह फंस गये हैं और सुप्रीम कोर्ट इस बात की तहकीकात कर रहा है कि मंत्री जी ने माफी मन से मांगी है या कोर्ट से बचने के लिए औपचारिकता निभाई है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि विजय शाह ने किस तरह की माफी मांगी है. कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए मगरमच्छ के आंसू बहाने से काम नहीं चलेगा. मंत्री की माफी को नामंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एक एसआईटी गठित कर दी जिसमें तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हैं. इनमें एक महिला अधिकारी भी होंगी. यह तीनों ही अफसर एमपी के बाहर के होंगे.
सोमवार को सुनवाई के दौरान विजय शाह के वकील ने कोर्ट को बताया कि 15 मई के फैसले के खिलाफ दूसरी एसएलपी दाखिल की है और याचिकाकर्ता माफी भी मांग चुके हैं. विजय शाह ने विवादित बयान पर माफी मांगते हुए एक वीडियो जारी किया था. इस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मंत्री से कहा कि हमने विवादित बयान और माफी दोनों देखी है. आंसू मगरमच्छ के थे या कानूनी कार्यवाही से बचने का प्रयास थे? आपने बहुत बेकार बयान दिया. आपको पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए था. जिम्मेदारी दिखानी चाहिए थी जो आपने नहीं दिखाई. हम सेना का सम्मान करते हैं.
जस्टिस सूर्यकांत ने विजय शाह से कहा, आप एक पब्लिक फिगर हैं. आपको बोलेत समय ध्यान रखना चाहिए कि किन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. मीडिया वाले वीडियो की गहराई में नहीं जा रहे हैं. आप वहां मंच पर खड़े थे, जहां आपने इस घटिया भाषा का इस्तेमाल किया, बहुत गंदी भाषा थी. लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि आप रुक गए. ये सेना के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है. हमें बहुत जिम्मेदार होने की जरूरत है.’
विजय शाह ने बेंच से कहा, ‘मैं दिल से क्षमा मांगता हूं.’ जज ने वकील से कहा कि आगे की दलील दीजिए. उन्होंने कहा कि मंत्री का आचरण मर्यादा के अनुकूल होना चाहिए. विजय शाह के वकील ने फिर माफी मांगी तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘फिर आप बाहर निकलेंगे और बोलेंगे कि कोर्ट के कहने पर माफी मांगी है. आपको पहले ही माफी मांग लेनी चाहिए थी. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा आपने किस तरह की टिप्पणी की. अब आप माफी पर जोर दे रहे हैं… आपको ईमानदारी से प्रयास करने से किसने रोका है, आप यहां आए हैं इसलिए माफी मांग रहे हैं, ये आपका असली रवैया है.
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