रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बाहर आज SC, ST वर्ग के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले युवक फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी कर रहे 267 लोगों पर राज्य सरकार द्वारा किसी तरह की कार्रवाई न करने से नाराज थे। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया।
क्या है पूरा मामला ?
छत्तीसगढ़ में इन दिनों फर्जी जाति के जरिए सरकारी नौकरी पाने का मामला काफी गर्माया हुआ है। बता दें, राज्य के बनने के बाद से ही विभिन्न विभागों को शिकायत मिली थी कि गैर आरक्षित वर्ग के लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरियां हासिल कर रहे हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी। रिपोर्ट के आधार पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी और कर्मचारियों को उनके पदों से हटा कर बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन इस आदेश को अभी तक अमल में नहीं लाया गया है।
सरकारी आदेश का नहीं हुआ पालन
सरकारी आदेश का पालन ना होने के कारण अब कई लोग रिटायर भी हो गए तो कुछ ने जांच समिति की रिपोर्ट को न्यायालय में चुनौती दी। इसे लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और पिछले कुछ दिनों से ये सभी लोग अनशन पर बैठ हुए थे। प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी युवकों की तबीयत बिगड़ गई, लेकिन सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद आंदोलनकारी अनशन को खत्म करते हुए विधानसभा के मानसून सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने पहुंच गए।
आंदोलनकारियों ने क्या कहा ?
आंदोलन कर रहे विनय कौशल ने बताया कि आंदोलन करने से पहले हमने जिम्मेदार अधिकारियों से बात की थी। लेकिन प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण हम लोगों ने 16 मई को आमरण अनशन करना शुरू कर दिया। इस दौरान हमारे कई आंदोलनकारी युवा साथी एक-एक कर गंभीर स्थिति में अस्पताल भर्ती कराए गए, लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से इस मामले में कुछ नहीं किया गया। हम अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते, इसलिए हम अपनी इज्जत खोलकर पूर्ण रूप से निर्वस्त्र होकर सरकार को नींद से जगाने प्रदर्शन करने पहुंच गए थे।
पीएम मोदी और योगी को खत्म करने की धमकी, मुंबई हमले का भी जिक्र