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पहलगाव आंतकी हमले में सुरक्षा चूक, सर्वदलीय बैठक में सरकार ने मानी गलती, विपक्ष ने उठाए कड़े सवाल!

गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में स्वीकार किया कि पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक हुई. उन्होंने कहा 'अगर कुछ नहीं हुआ होता, तो हम आज यहां क्यों बैठे होते?' शाह ने बताया कि बैसारन मैदान, जहां हमला हुआ. आमतौर पर जून में अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर खुलता है और उस समय वहां सुरक्षा बल तैनात किए जाते हैं. लेकिन इस बार स्थानीय टूर ऑपरेटर्स ने बिना प्रशासन को सूचित किए 20 अप्रैल से पर्यटकों को वहां ले जाना शुरू कर दिया. इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को नहीं थी. जिसके कारण वहां सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं थी.

Pahalgam Terror Attack:
inkhbar News
  • Last Updated: April 24, 2025 22:10:51 IST

Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग ‘द रजिस्टेंट फ्रंट’ ने ली. 24 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और अन्य दलों के नेता शामिल हुए. बैठक में सरकार ने पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक होने की बात स्वीकारी और विपक्ष ने तीखे सवाल उठाए.

सरकार ने मानी सुरक्षा चूक

गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में स्वीकार किया कि पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक हुई. उन्होंने कहा ‘अगर कुछ नहीं हुआ होता, तो हम आज यहां क्यों बैठे होते?’ शाह ने बताया कि बैसारन मैदान, जहां हमला हुआ. आमतौर पर जून में अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर खुलता है और उस समय वहां सुरक्षा बल तैनात किए जाते हैं. लेकिन इस बार स्थानीय टूर ऑपरेटर्स ने बिना प्रशासन को सूचित किए 20 अप्रैल से पर्यटकों को वहां ले जाना शुरू कर दिया. इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को नहीं थी. जिसके कारण वहां सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं थी.

विपक्ष के तीखे सवाल

मल्लिकार्जुन खड़गे: कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सवाल उठाया ‘तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद यह चूक कैसे हुई? पीएम मोदी का ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद न होना खेदजनक है क्योंकि उनका फैसला अंतिम होता है.’ उन्होंने सरकार की त्वरित कार्रवाई में देरी पर भी सवाल उठाए लेकिन कहा ‘देश के हित में हम सरकार के हर फैसले का समर्थन करेंगे.’

राहुल गांधी: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूछा ‘हमले वाली जगह पर सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे? इंटेलिजेंस फेलियर की जवाबदेही कौन लेगा?’ उन्होंने सरकार से मांग की कि भविष्य में ऐसी चूक न हो और कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.

असदुद्दीन ओवैसी: AIMIM प्रमुख ओवैसी ने तीखे सवाल उठाए ‘बैसारन मैदान में CRPF क्यों नहीं थी? त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) को पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा? आतंकियों ने धर्म पूछकर हत्याएं क्यों कीं?’ उन्होंने कश्मीरी छात्रों और नागरिकों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करने की मांग की. ओवैसी ने सिंधु जल संधि निलंबन का स्वागत किया लेकिन पूछा ‘हम पानी कहां रखेंगे?’

अमित शाह ने बताया कि जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है. उन्होंने कहा ‘हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.’ केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा ‘सभी दलों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन किया. खुफिया ब्यूरो (IB) और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने 15 मिनट का प्रजेंटेशन देकर बताया कि चूक कहां हुई.’ रिजिजू ने जोड़ा ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम हैं.’

विपक्ष का समर्थन, लेकिन जवाबदेही की मांग

सभी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कदमों का समर्थन किया. राहुल गांधी ने कहा ‘आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है. सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.’ खड़गे ने जोर दिया कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए. ओवैसी ने सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पाकिस्तान के खिलाफ हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी या हथियार बिक्री पर प्रतिबंध जैसे कदम उठाए जा सकते हैं.

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