कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में विवादों में घिरे मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह से जुड़ी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट SIT ने सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इसकी सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच कर रही है. रिपोर्ट में SIT ने कहा है है कि इस मामले से जुड़े गवाहों के बयान के वीडियो भोपाल FSL को भेजे गए थे लेकिन संसाधनों की कमी के चलते वीडियो बिना जांच के वापस आ गये. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर राजनीति करने वालों से दो टूक कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में गठित विशेष जांच टीम (SIT) ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दे दी है. SIT ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अब तक कुल सात गवाहों के बयान दर्ज किये गये हैं. गवाहों के बयान वीडियो भोपाल एफएसएल में जांच के लिए भेजे गये थे लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वो हो नहीं पाये. सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने विस्तृत जांच के लिए और वक्त मांगा है. कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस सिलसिले में एक पत्रकार का मोबाइल CFSL को भेजा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए SIT को और समय देने का फैसला किया है. कोर्ट ने कहा कि विजय शाह को गिरफ्तारी से राहत जारी रखी. सुप्रीम अदालत ने हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को भी रोक दिया और कहा कि समानांतर सुनवाई की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता को कहा कि मामले का राजनीतिकरण न करें. इस मामले की जांच कर रही SIT के प्रमुख सागर जोन के DIG प्रमोद वर्मा हैं जबकि SSB के डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह इसकी सदस्य हैं.
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