Pakistan violent protest: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के पानी को लेकर चल रहा विवाद अब हिंसक रूप ले चुका है. भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान में जल संकट गहरा गया है. सिंध में विवादास्पद नहर परियोजना के खिलाफ प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं. नौशहरो फिरोज जिले के मोरो तालुका में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार के घर पर हमला कर आगजनी की जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार मोरो तालुका में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भयंकर टकराव हुआ. प्रदर्शनकारी सिंधु नदी पर प्रस्तावित छह नहरों के निर्माण का विरोध कर रहे थे. जिसे वे अपने क्षेत्र के पानी के अधिकारों पर हमला मानते हैं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और गोलीबारी भी की. इस कार्रवाई में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. जबकि पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सहित कई लोग घायल हो गए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बेनजीराबाद के पुलिस उप महानिरीक्षक परवेज चंदियो और नौशहरो फिरोज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संघार मलिक मौके पर पहुंचे. आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया.
Protestors trash house of Sind Home Minister
📍Moro#WaterCrisisPakistan #Sindh #IndusWaterTreaty #BilawalBhuttoZardari pic.twitter.com/1OM5W0pSYk
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) May 21, 2025
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा तब और भड़क उठा जब उन्होंने सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार के घर पर हमला बोल दिया. बंदूकें लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने घर में तोड़फोड़ की. कई हिस्सों में आग लगा दी और वहां खड़ी मोटरसाइकिलों को भी जला दिया. इस हमले के कारण मोरो की ओर जाने वाली सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया. प्रदर्शनकारियों ने दो ट्रेलरों को भी आग के हवाले कर दिया. इस हिंसक घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सिंध सूचना सचिव अजीज धामरा ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे आतंकवादी गतिविधि करार दिया. उन्होंने कहा लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन किसी राजनेता के घर पर हमला करना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा लगता है. गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार ने भी इस घटना पर बयान जारी करते हुए नौशहरो फिरोज के एसएसपी से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने इस हमले को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित बताया.
भारत द्वारा 23 अप्रैल, 2025 को सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान में जल संकट की स्थिति और गंभीर हो गई है. यह समझौता 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था. जिसके तहत सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को आवंटित है. भारत के इस कदम को पाकिस्तान ने युद्ध की कार्रवाई करार दिया है. सिंध प्रांत जो अपनी कृषि और जल आपूर्ति के लिए पूरी तरह सिंधु नदी पर निर्भर है. पहले से ही पानी की कमी का सामना कर रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि नहर परियोजना से सिंध में पानी की कमी और बढ़ेगी. जिससे मिट्टी की उर्वरता पर असर पड़ेगा और समुद्री जल का अतिक्रमण बढ़ेगा.
यह भी पढ़े 59 सांसदों का डेलिगेशन रवाना, 33 देशों में जाकर बताएगा ऑपरेशन सिंदूर की कहानी