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ये है पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड… सैफुल्लाह खालिद, लश्कर का मास्टरमाइंड जिसे पाक सेना बरसाती है फुल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 21 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया. इस हमले में 30 लोगों की जान चली गई. जबकि 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं. हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली है. खुफिया सूत्रों के अनुसार इस हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद है जो जम्मू-कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों का मुख्य संचालक है.

Pahalgam Terror Attack News
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  • Last Updated: April 23, 2025 00:03:07 IST

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 21 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया. इस हमले में 30 लोगों की जान चली गई. जबकि 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं. अभी तक 16 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है. हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली है. खुफिया सूत्रों के अनुसार इस हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद है जो जम्मू-कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों का मुख्य संचालक है.

सैफुल्लाह खालिद- आतंक का चेहरा

सैफुल्लाह खालिद जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है. लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ और हाफिज सईद का करीबी है. वह लग्जरी कारों में सफर करता है और उसकी सुरक्षा में अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकी तैनात रहते हैं. पाकिस्तान में उसका रसूख इतना है कि सेना के अधिकारी भी उसका स्वागत फूल बरसाकर करते हैं. दो महीने पहले वह पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर में था. जहां पाक सेना के कर्नल जाहिद जरीन खटक ने उसे जिहादी भाषण के लिए आमंत्रित किया था. खालिद ने वहां भारतीय सैनिकों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए.

कश्मीर पर कब्जे का खतरनाक मंसूबा

खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित एक सभा में सैफुल्लाह ने जहरीले इरादे जाहिर किए. उसने कहा ‘मैं वादा करता हूं कि आज 2 फरवरी 2025 है. 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर पर हम कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे. आने वाले दिनों में हमारे मुजाहिदीन हमले तेज कर देंगे. हमें उम्मीद है कि 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर आजाद हो जाएगा.’ इस सभा का आयोजन पाक सेना और आईएसआई ने किया था. जिसमें भारी संख्या में हथियारबंद आतंकी मौजूद थे.

खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल एबटाबाद के जंगलों में लश्कर के पॉलिटिकल विंग पीएमएमएल और एसएमएल ने आतंकी कैंप आयोजित किया था. सैफुल्लाह ने इस कैंप में युवाओं को टारगेट किलिंग के लिए प्रशिक्षित किया और भारत के खिलाफ भड़काया. पाक सेना की मदद से इन प्रशिक्षित आतंकियों को सीमा पार घुसपैठ कराने की साजिश रची गई. टीआरएफ जो 2019 में धारा 370 हटने के बाद आईएसआई ने बनाया. लश्कर के फंडिंग चैनलों का इस्तेमाल करता है. गृह मंत्रालय ने भी इसे लश्कर का मुखौटा संगठन करार दिया है.