नई दिल्ली। आज यानी 23 मई को है अपरा एकादशी। इसे ‘अचला एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इन दिन भक्त भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करते हैं। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने और विष्णु देव की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में इस व्रत में किसी तरह की परेशानी न आए इसके लिए जानते हैं सभी जरुरी बातें।
व्रत का शुभ मुहूर्त
अपरा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत 04 बजकर 04 मिनट से होगी। वहीं इसकी समाप्ति 04 बजकर 45 मिनट पर होगी। विजय मुहूर्त का आरंभ दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 04 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन जाकर सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। अमृत सिद्धि योग की शुरुआत शाम के समय होगी। अमृत सिद्धि योग 04 बजकर 02 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पूजा से लेकर आप अन्य कोई भी शुभ काम करने से फायदा मिलेगा।
भगवान विष्णु की पूजा विधि
अपरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर नहा लें। नहाने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। व्रती महिलाएं व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें। प्रतिमा के सामने शुद्ध देशी घी का दीपक जलाएं। भगवान विष्णु का जल से अभिषेक करें। उन्हें हल्दी और चंदन का लेप लगाएं। भगवान विष्णु को फूलों की माला अर्पित करें। साथ ही तुलसी भी चढ़ाएं। भोग के रूप में उन्हें किसी पीली मिठाई या पंचामृत का भोग लगाएं। साथ ही मंत्रों का जाप करें। आप अपरा एकादशी के दिन श्री हरि के वैदिक मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं। आखिर में आरती उतारें और भगवान का आशीर्वाद लें।
पारण का समय
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत, पीले फल, मखाने की खीर, केसर की मिठाई, पंजीरी आदि का भोग लगाना काफी फलदायी माना जाता है। इसे चढ़ाने से भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। अपरा एकादशी व्रत के पारण का समय 24 मई को सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 08 बजकर 11 मिनट के बीच का है। अपरा एकादशी के दिन आप ॐ नमो नारायणाय॥, ॐ विष्णवे नमः॥ मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
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