अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा छेड़े गये गये टैरिफ वॉर का असर दिखने लगा है. चीन ने जवाबी कार्रवाई के तहत अमेरिका से इंपोर्ट होने वाली चीजों पर 34 फीसद टैरिफ ठोक दिया है. नतीजतन अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी से बिकवाली शुरू हो गई है. स्टैंडर्ड एंड पूअर्स 500 (S&P 500) में 6% की गिरावट आई है, जिससे सिर्फ दो दिनों में ही मार्केट वैल्यू में 5 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट हो गई. जबकि डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (DJIA) में 5.5% और नैस्डैक (Nasdaq) में 5.8% की गिरावट आई.
माना जा रहा है कि ट्रंप ने जो कदम उठाया है उससे मंदी आने की रफ्तार तेज होगी और दुनिया के साथ अमेरिका भी बुरी तरह प्रभावित होगा. हालांकि ट्रंप इस उथल पुथल से बिल्कुल बेपरवाह हैं और उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा बड़े बिजनेस टैरिफ के बारे में चिंतित नहीं हैं. वे जानते हैं कि वे यहां बने रहेंगे, उनका ध्यान बड़ी डील पर है, जो हमारी अर्थव्यस्था को बढ़ावा देगा. यह अति महत्वपूर्ण है और इसकी प्रक्रिया अभी चल रही है.
ट्रंप का मानना है कि यह अमीर बनने का अच्छा समय है और यह आर्थिक दर्द व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया का हिस्सा है. उन्होंने अमेरिका द्वारा उठाये गये कदम की सर्जरी से तुलना की है और कहा है कि अस्थाई परेशानी से दीर्घकालिक लाभ मिलेगा. उन्होंने एक दूसरे पोस्ट में लिखा है कि केवल कमजोर ही डूबेंगे.
चीन की जवाबी कार्रवाई और 34 फीसद टैरिफ लगाने पर ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने गलत खेल खेला, वे घबरा गए, एक चीज को वे बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने अन्य देशों के साथ ट्रेड एग्रीमेंट करने का संकेत दिया और कहा कि वियतनाम अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहता है. उसे अगर समझौता करने का मौका मिलता है तो वह वह हमारे आयात पर अपना टैरिफ शून्य करने को तैयार है.
टैरिफ वॉर के कारण जर्मनी का DAX फीसद , फ्रांस का CAC 40 4. फीसद और जापान का निक्केई 225 2.8 फीसद गिर गया. इस बीच, तेल की कीमतें कोरोना काल-2021 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर आ गईं है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल परेशान हैं और उन्होंने चेतावनी दी कि टैरिफ के कारण महंगाई बढ़ सकती है और जीडीपी की ग्रोथ कम हो सकती है लेकिन ट्रंप ने उन्हें झिड़ दिया और कहा कि ब्याज दरों में कटौती करें, जेरोम, और राजनीति करना बंद करें.
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