Inkhabar
  • होम
  • Breaking News Ticker
  • उत्पन्ना एकादशी का महत्व है खास ,इस दिन भूलकर भी न करें ये काम

उत्पन्ना एकादशी का महत्व है खास ,इस दिन भूलकर भी न करें ये काम

मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह विशेष व्रत भगवान विष्णु के लिए रखा जाता है, जानिए इस विशेष व्रत के नियम.

VISHNU
inkhbar News
  • Last Updated: November 25, 2024 22:38:54 IST

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में प्रत्येक एकादशियों का महत्व होता है.मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहते है. साल 2024 में उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर 2024 दिन यानि कल रखा जाएगा. ये दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के लिए रखा जाता है. इसी दिन एकादशी मैय्या की उत्पत्ति हुई थी. एकादशी के व्रत का बहुत महत्व होता है. एकादशी के दिन कई नियमों का पालन करना आवश्यक होता है,तब यह व्रत जाकर सफल होता है. तो चलिए जानते है उत्पन्ना एकादशी के दिन किन किन कामों से दूरी बना कर रखना है.

उत्पन्ना एकादशी के नियम

.यह व्रत भगवान विष्णु के लिए किया जाता है.
. इस दिन श्रद्धा से व्रत करने का संकल्प लें
.किसी की बुराई और निंदा नहीं करें सच्चे मन से व्रत रखें
.व्रत के दिन सुबह स्नान करें, सूर्य को अर्घ्य दें.
.चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें.
.भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें.
.भगवान विष्णु को पीले फूल और पीला भोग और प्रसाद चढ़ाएं।
घी का दीपक जलाएं.
.इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ तुलसी के पौधे पर भी दीपक जलाएं
.इस दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें

ये भी पढ़े:संभल हिंसा पर बड़ा खुलासा: मस्जिद के सदर जफर अली को भीड़ ने खूब कूटा, जान बचाकर भागे थे!