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आखिर 21वीं सदी में भी क्यों हो रहे हैं बाल विवाह

राजस्थान के जोधपुर में 19 साल की एक लड़की ने ग्यारह महीने की उम्र में हुए बाल विवाह को ठुकरा दिया है. शादी ठुकराने पर पंचायत की ओर से उस पर 16 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है. अब संतादेवी मेघवाल बचपन में हुई अपनी शादी तोड़ने के लिए बुधवार को फैमिली कोर्ट में मामला दायर कर रही हैं. कानून में खामियों के चलते संतादेवी को कोर्ट के जरिए ही इस विवाह से मुक्ति मिलेगी.

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  • Last Updated: May 15, 2015 12:13:43 IST

जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर में 19 साल की एक लड़की ने ग्यारह महीने की उम्र में हुए बाल विवाह को ठुकरा दिया है. शादी ठुकराने पर पंचायत की ओर से उस पर 16 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है. अब संतादेवी मेघवाल बचपन में हुई अपनी शादी तोड़ने के लिए बुधवार को फैमिली कोर्ट में मामला दायर कर रही हैं. कानून में खामियों के चलते संतादेवी को कोर्ट के जरिए ही इस विवाह से मुक्ति मिलेगी.

बता दें कि भले ही बाल विवाह प्रतिबंधित है, लेकिन एक बार शादी होने पर उसे दोनों या फिर एक व्यक्ति की सहमति से कानूनी तरीके से खत्म करना होता है. विवाह राजस्थान के जोधपुर से 70 किमी दूर रोहिचा खुर्द गांव की रहने वाली संतादेवी का कहना है, ”बचपन में हुई शादी से मेरा कुछ लेना-देना नहीं है. मैं शादी को याद भी नहीं रखना चाहती. मैं इससे किसी भी तरह छुटकारा पाना चाहती हूं. मेरे आवाज उठाने पर हमारे परिवार को समाज से निकाल दिया गया है. मेरे कथित ससुर मुझ पर दबाव डाल रहे हैं और अपने घर उठा ले जाने की धमकी दे रहे हैं.” 

संतादेवी की शादी उनके पहले जन्मदिन से एक माह पहले ही नौ साल के एक लड़के से कर दी गई थी. सांतादेवी को इस बात का पता 16 साल की उम्र में चला और उसके बाद से ही वह इसका विरोध कर रही हैं. इस मामले में संतादेवी की मदद कर रही कृति भारती ऑफ सारथी ट्रस्ट का कहना है कि कई बार संता के कथित पति सनवलराम की काउंसिलिंग करने की कोशिश की गई, लेकिन सारे प्रयास असफल रहे. संतादेवी फिलहाल जोधपुर में रहती हैं और वह जय नरायण व्यास यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन कर रही हैं. वह कथित ससुराल से कोई संबंध नहीं रखना चाहती हैं और आगे अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हैं.

IANS से भी इनपुट  

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