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सामान्य से कम बारिश की आशंका, सूखे जैसे हालात का खतरा

एक तरफ चिलचिलाती गर्मी ने देशभर में लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है और दूसरी तरफ मॉनसून से जुड़ी हुई एक के बाद एक बुरी खबरें आ रही हैं. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि भारतीय मौसम विभाग ने बारिश के संदर्भ में अपनी भविष्यवाणी में बदलाव करते हुए इसके 93 प्रतिशत की बजाय 88 फीसदी रहने की बात कही है.

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  • Last Updated: June 2, 2015 10:13:03 IST

नई दिल्ली. एक तरफ चिलचिलाती गर्मी ने देशभर में लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है और दूसरी तरफ मॉनसून से जुड़ी हुई एक के बाद एक बुरी खबरें आ रही हैं. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि भारतीय मौसम विभाग ने बारिश के संदर्भ में अपनी भविष्यवाणी में बदलाव करते हुए इसके 93 प्रतिशत की बजाय 88 फीसदी रहने की बात कही है.

हर्षवर्धन ने कहा, ‘उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में सामान्य (औसत) बारिश का महज 85 फीसदी बारिश होगी.’ उन्होंने कहा, ‘ताजा अनुमान मुझे परेशान कर रहे हैं, क्योंकि इस मानसून में 88 फीसदी बारिश (सामान्य से चार फीसदी अधिक या कम) होने की संभावना है, जो अप्रैल के 93 फीसदी के अनुमान से कम है.’ भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अप्रैल में देश में सामान्य बारिश 93 फीसदी रहने की संभावना जताई थी. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौसम में हो रहे बदलाव पर बराबर नजर रख रहे हैं. उन्होंने सभी संबंधित मंत्रियों को आवश्यक तैयारियां करने एवं कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आम जनता को परेशानी न हो.

ऐसे समय में जब देशभर में गर्मी से 2000 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, यह खबर भविष्य की भी डरावनी तस्वीर ही पेश करती है. उधर एक अमेरिकी एजेंसी भी पहले ही भविष्यवाणी कर चुकी है कि भारत और पाकिस्तान में इस साल सूखा व अकाल पड़ सकता है. डराने वाली बात ये है कि पहले मौसम विभाग ने सामान्य से कम बारिश का अनुमान व्यक्त किया था, लेकिन अब इसके और ज्यादा कम रहने की भविष्यवाणी की गई है. राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान यानी उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में इस साल बादलों की मेहरबानी कम ही रहेगी.

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