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हमें मजदूरों का सम्मान करना सीखना होगा: मोदी

 दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित श्रम सम्मलेन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में श्रमिकों का बड़ा योगदान है और अगर श्रमिक दुखी रहेगा तो देश कैसे सुखी हो सकता है. मोदी ने कहा कि मजदूर अपने सपनों की आहुति देकर दूसरों के सपने पूरा करते हैं श्रमिकों को विश्वकर्मा के रूप में जाना जाता है, श्रम एक महायज्ञ है. 

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  • Last Updated: July 20, 2015 07:05:14 IST

नई दिल्ली. दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित श्रम सम्मलेन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में श्रमिकों का बड़ा योगदान है और अगर श्रमिक दुखी रहेगा तो देश कैसे सुखी हो सकता है. मोदी ने कहा कि मजदूर अपने सपनों की आहुति देकर दूसरों के सपने पूरा करते हैं श्रमिकों को विश्वकर्मा के रूप में जाना जाता है, श्रम एक महायज्ञ है. 

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कई उद्योगों में 50 सालों से कोई हड़ताल नहीं हुई, मालिक श्रमिकों के दुख को समझते हैं, ऐसे उद्योगों की गाथा लोगों तक पहुंचानी होगी. श्रमिक और मालिक के बीच परिवार भाव होना ज़रूरी है. हमें श्रमिकों के प्रति आदर का भाव जगाना होगा, धोबी अगर मेरा कुर्ता प्रेस नहीं करता तो मैं कैसे पहनता?

 

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