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सुप्रीम कोर्ट का आदेश, लिव इन रिलेशनशिप अपराध नहीं है

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम् फैसले में फिर दोहराया है कि लड़के-लड़की का सहमति से 'लिव इन रिलेशनशिप' में रहना अपराध नहीं है. इसे समाज ने काफी हद तक स्वीकार कर लिया है और किसी भी कानूनी संस्था को इसे अपराध की तरह देखना नाजायज़ है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सहमति से एक दुसरे का साथ निभाना अपराध नहीं माना जा सकता. 

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  • Last Updated: July 23, 2015 07:38:45 IST

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम् फैसले में फिर दोहराया है कि लड़के-लड़की का सहमति से ‘लिव इन रिलेशनशिप’ में रहना अपराध नहीं है. इसे समाज ने काफी हद तक स्वीकार कर लिया है और किसी भी कानूनी संस्था को इसे अपराध की तरह देखना नाजायज़ है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सहमति से एक दुसरे का साथ निभाना अपराध नहीं माना जा सकता. 

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