Inkhabar
  • होम
  • व्यापार
  • Income Tax Return 2019-20 Rules: आयकर विभाग ने किए आईटीआर फॉर्म में बदलाव, अब किरायेदार का PAN और देनी होगी जमीन की जानकारी

Income Tax Return 2019-20 Rules: आयकर विभाग ने किए आईटीआर फॉर्म में बदलाव, अब किरायेदार का PAN और देनी होगी जमीन की जानकारी

Income Tax Return 2019-20 Rules: आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर दिया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग (सीबीडीटी) ने आईटीआर फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं. अब करदाताओं (मकान मालिक) को टीडीएस का फायदा लेने के लिए आईटीआर फॉर्म में अपने किरायदारों के पैन की जानकारी देनी होगी.

Income Tax returns 2019-20 rules in hindi
inkhbar News
  • Last Updated: April 8, 2019 20:26:28 IST

नई दिल्ली. आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) ने आयकर रिटर्न (इनकम टैक्स रिटर्न) के नियमों में बदलाव किया है. विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर (ITR) फॉर्म जारी कर दिया है. नए नियमों के मुताबिक अब मकान मालिक को टीडीएस (Tax Deduct at Source, TDS) का फायदा लेने के लिए अपने किरायेदार के पैन कार्ड की जानकारी भी देनी होगी. वहीं आयकरदाता को भारत में निवास करने की अवधि और गैर सूचीबद्ध शेयरों की सूचना भी आईटीआर फॉर्म में भरनी होगी. साथ ही यदि आयकरदाता को चंदा राशि पर इनकम टैक्स में छूट चाहिए तो जिस व्यक्ति को चंदा दिया है उसका नाम, पता और पैन नंबर भी देना होगा.

इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म के लिए ये हैं नए नियम-

  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक जो करदाता आईटीआर-2 फाइल करते हैं और उनकी रेजिडेंशियल प्रोपर्टी से इनकम होती है तो किरायेदार का पूरा ब्योरा, उसका पैन या टैन के बारे में जानकारी देनी होगी.
  • चंदे में कर छूट (Tax Rebate) दके लिए चंदा पाने वाले व्यक्ति का पैन समेत पूरी जानकारी भरनी होगी.
  • जो करदाता आईटीआर-2 भरते हैं और उनकी कृषि से इनकम होती है तो उन्हें अपने भूखंड का पूरा ब्योरा देना होगा. जिसमें जमीन का माप, पूरा पता और यह भी बताना होगा कि उनकी जमीन पट्टे पर है या नहीं.
  • कंपनी के निदेशक और गैर-सूचीबद्ध (Non Listed) कंपनियों के निवेशकों के लिए विभाग ने सहज और सुगम फॉर्म (ITR 1 & 4) में रिटर्न भरने से रोक लगा दी है.
  • अब सहज फॉर्म यानी आईटीआर-1 से वही व्यक्ति रिटर्न भर सकता है जिसकी सैलरी, संपत्ति और ब्याज से सालाना आय 50 लाख रुपये तक हो. साथ ही कृषि आय 5,000 रुपये तक ही हो.
  • वहीं सुगम फॉर्म यानी आईटीआर-4 से केवल वे ही फर्म (व्यक्ति, एचयूएफ और एलएलपी को छोड़कर) रिटर्न फाइल कर सकते हैं जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है.
  • आयकरदाताओं को विदेशी इक्विटी, विदेशी खातों और बॉन्ड का ब्योरा भी देना होगा.
  • आईटीआर-6 फाइल करने वाली गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को फॉर्म में अपने निवेशकों, भारत में उनके निवास की स्थिति, आवंटन की तारीख, पैन नंबर, शेयरों की संख्या, प्रति शेयर निर्गम मूल्य तथा निवेश राशि के बारे में भी जानकारी देनी होगी. विदेशी कंपनियों को रिटर्न भरते समय अपनी मूल कंपनी की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है.

SBI Tax Savings Fixed Deposit Account: जानें एसबीआई टैक्स सेविंग FD अकाउंट पर कितनी है ब्याज दर, इनकम टैक्स में मिलेगी कितनी छूट

Post Office Time Deposit Account Schemes: पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट एफडी अकाउंट पर कितनी है ब्याज दर और इनकम टैक्स में कितनी छूट

Tags