नई दिल्ली: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने के बाद दूसरे देशों के साथ टैरिफ वॉर शुरू कर दिया है. ट्रंप का तर्क है कि वह टैरिफ लगाकर अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे. हालांकि, दुनिया भर के विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करके ट्रंप अन्य देशों के साथ-साथ अमेरिकी नागरिकों की भी परेशानी बढ़ा देंगे.
बता दें की अमेरिका के नए टैरिफ युद्ध के कारण आम अमेरिकी उपभोक्ताओं को जल्द ही टमाटर, एवोकाडो और टकीला जैसे अपने पसंदीदा उत्पादों के लिए बहुत अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. इसकी सबसे बड़ी वजह डोनाल्ड ट्रंप का चीन, मैक्सिको और कनाडा से आने वाले आयातित सामानों पर नए टैरिफ लगाना है. यह फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिकी मतदाता पहले से ही महंगाई से परेशान हैं और हाल के चुनावों में उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के तीन प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं. चीन, मैक्सिको और कनाडा. अमेरिका के कुल व्यापार का लगभग 40 प्रतिशत उन्हीं के पास है. टकीला का सेवन सबसे ज्यादा अमेरिका में किया जाता है. जबकि, मेक्सिको और कनाडा टमाटर और एवोकाडो सहित कई कृषि उत्पादों के सबसे बड़े सप्लायर्स में से हैं. साल 2019 और 2021 के बीच अमेरिका में सभी एवोकैडो शिपमेंट का लगभग 90 % मेक्सिको से आया था. ऐसे में ट्रंप के इन देशों से आने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ाने से सीधे तौर पर आम अमेरिकी नागरिकों की जेब पर बोझ बढ़ेगा. वहीं मेक्सिको और कनाडा की सरकारें भी जवाबी कार्रवाई कर रही हैं. कनाडा ने अमेरिका से इम्पोर्टेड 1,256 उत्पादों की सूची जारी की है. ये साफ है कि ट्रंप के टैरिफ वॉर से न सिर्फ दूसरे देश प्रभावित होंगे, बल्कि आम अमेरिकी भी मुसीबत में पड़ जाएंगे.
1. टीवी, स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान
2. पोल्ट्री, डेयरी प्रोडक्ट्स, फ्रेश फ्रूट और सब्जियां
3. लकड़ी, कागज के प्रोडक्ट्स ।
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