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31 जुलाई तक ITR नहीं भरने से होगा बड़ा नुकसान, सिर्फ लेट फीस नहीं लगेगी

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की लास्ट डेट में बस 12 दिन बचे हैं। अगर आप बिना किसी नुकसान के ITR फाइल करना चाहते हैं,

big loss ITR is not filed till 31st July only late fee will not be charge
inkhbar News
  • Last Updated: July 19, 2024 18:57:15 IST

नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की लास्ट डेट में बस 12 दिन बचे हैं। अगर आप बिना किसी नुकसान के ITR फाइल करना चाहते हैं, तो 31 जुलाई 2024 तक यह काम जरूर कर लें। नहीं तो, आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आखिरी समय में इनकम टैक्स की वेबसाइट पर अक्सर दिक्कतें आती हैं, जिससे रिटर्न फाइल करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, अंतिम समय की परेशानियों से बचने के लिए अपना ITR समय से भर दें।

31 जुलाई तक ITR नहीं भरने पर नुकसान

1. वेबसाइट की दिक्कतें: आखिरी दिन वेबसाइट की समस्या के कारण आपका रिटर्न फाइल नहीं हो पाता है, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।

2. लेट फीस: अगर आप 31 जुलाई के बाद ITR फाइल करते हैं, तो आपको लेट फीस देनी पड़ेगी। अगर आपका रिटर्न 5 लाख रुपये की टैक्स छूट लिमिट के तहत आता है, तो आपको 1,000 रुपये लेट फीस देनी होगी। कुछ मामलों में यह 5,000 रुपये तक भी हो सकती है।

3. बकाया टैक्स पर ब्याज: अगर 31 जुलाई तक ITR नहीं भरते हैं और आपके ऊपर सरकार का टैक्स बकाया है, तो आपको बकाया टैक्स पर ब्याज और जुर्माना देना पड़ेगा।

4. रिफंड में देरी: समय से रिटर्न फाइल करने का एक बड़ा फायदा यह है कि आपका रिफंड समय पर मिल जाता है।

5. छूट से वंचित: लेट ITR भरने पर ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत मिलने वाली कई तरह की छूट से वंचित रह सकते हैं। आपको टैक्स लायबिलिटी के अमाउंट पर 1 प्रतिशत का ब्याज भी देना होगा।

समय पर ITR भरने के फायदे

1. कोई अतिरिक्त फीस नहीं: समय पर फाइल करने से आपको किसी अतिरिक्त फीस का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।

2. TDS क्लेम: सामान्य रूप से TDS क्लेम कर सकते हैं।

3. आय की जानकारी: अपनी आय की पूरी जानकारी सबमिट कर सकते हैं और 31 दिसंबर 2024 तक आयकर विवरण को पुनरीक्षित कर सकते हैं।

ITR फाइल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

ITR फाइल करने के लिए आपके पास आय का प्रूफ होना जरूरी है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपकी आय कहां-कहां से आ रही है और इसकी पूरी डिटेल होनी चाहिए।

जरूरी जानकारी

1. कटौती की जानकारी: आपने कहां-कहां डिडक्शन (कटौती) की है, जैसे बीमा, मेडिकल इंश्योरेंस, मकान का लोन, पेंशन स्कीम में जमा, जमीन की बिक्री, अन्य स्त्रोत से आय आदि।

2. क्रॉस चेकिंग: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का AIS (एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट) होता है जिसमें जो जानकारी आपके पास है, वह जानकारी इनकम टैक्स विभाग के पास भी है या नहीं, यह क्रॉस चेक करना जरूरी होता है।

समय पर ITR फाइल करके आप इन सभी परेशानियों से बच सकते हैं और बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।

 

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